छत्तीसगढ़

बाल गृह में निवासरत शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों एवं बाल संप्रेक्षण गृह के बच्चों के समुचित विकास हेतु माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर की सकारात्मक पहल

बाल गृह में निवासरत शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों एवं बाल संप्रेक्षण गृह के बच्चों के समुचित विकास हेतु माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर की सकारात्मक पहल

माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ के द्वारा दूरदर्शी एवं सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ बाल गृह में निवासरत शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों एवं बाल संप्रेक्षण गृह के बच्चों के समुचित विकास हेतु विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों में अधिरोपित शास्ति की राशि को बाल संप्रेक्षण गृह एवं शारीरिक एवं मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिये संचालित संस्था में जमा करने हेतु आदेशित किया गया है।

माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ के द्वारा दिनांक 11/09/2024 से 11/07/2025 तक विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों में अधिरोपित शास्ति की रकम कुल 4,02,000/- (चार लाख दो हजार रुपये) राज्य के विभिन्न जिलों में स्थापित बाल संप्रेक्षण गृह एवं शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित बाल गृह में जमा किये जाने हेतु आदेशित किया गया है जिनमें से 2,06,000/- (दो लाख छः हजार रुपये) शारीरिक एवं मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिये संचालित संस्था में तथा 1,79,000/- (एक लाख उन्नयासी हजार रुपये) बाल संप्रेक्षण गृह में जमा किया जा चुका है, एवं उक्त राशि का उपयोग, उपरोक्त संस्था द्वारा बालकों के समुचित विकास हेतु गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ, खेल सामग्री, शिक्षाप्रद पुस्तक और मानसिक विकास हेतु विभिन्न गतिविधियों के आयोजन में किया जाना है।

माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय की यह सकारात्मक एवं दूरदर्शी पहल बाल गृह में निवासरत शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों एवं बाल संप्रेक्षण गृह के बच्चों के समुचित विकास में सहायता प्रदान करेगा।

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