कवर्धा, 26 जून 2025/sns/- जिले को मलेरिया से पूर्णतः मुक्त करने के संकल्प के साथ मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का बारहवां चरण कबीरधाम जिले में 25 जून से प्रारंभ हो गया है। यह चरण आगामी 24 जुलाई 2025 तक जिले के चिन्हित अति संवेदनशील, दुर्गम और मलेरिया प्रभावित ग्रामों में संचालित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देशन में चल रहे इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम सक्रिय है। इस चरण में बोडला विकासखंड के 91 ग्राम, सहसपुर लोहारा के 16 ग्राम और पंडरिया के 1 ग्राम को शामिल किया गया है। इन ग्रामों में 50,000 से अधिक लोगों की मलेरिया जांच का लक्ष्य रखा गया है।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अभियान की प्रगति की नियमित निगरानी की जाए तथा औषधियों की आपूर्ति, भंडारण और वितरण व्यवस्था में कोई कमी न रहे। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल स्वास्थ्य सेवा नहीं, बल्कि जनहित का एक समर्पित प्रयास है, जिसमें प्रत्येक नागरिक की सहभागिता जरूरी है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. राज ने बताया कि अभियान के अंतर्गत घर-घर जाकर जांच की जा रही है। इसके लिए मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, क्षेत्र पर्यवेक्षक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को पूर्व प्रशिक्षण दिया गया है।
सभी व्यक्तियों की जांच त्वरित रोग पहचान किट के माध्यम से की जा रही है। मलेरिया की पुष्टि होने पर रोगियों को प्रकार अनुसार 3 एवं 14 दिनों तक निरीक्षण में रखा जाएगा और आवश्यकता अनुसार रक्त की परत की जाँच की जाएगी। गंभीर रोगियों को तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा जिला अस्पताल में भेजने की व्यवस्था की गई है।
डॉ. बी.एल. राज ने जानकारी दी कि सभी फील्ड टीमों को उपचार पर्ची, पंजिका, जांच किट, स्टीकर तथा अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान की गई है। मलेरिया की पुष्टि होने पर रोगी के घर को चिन्हित कर स्टीकर लगाया जा रहा है। साथ ही शीघ्र समाप्ति तिथि वाली दवाओं का प्राथमिकता से उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि औषधि समय पर वितरित की जा सके।
औषधियों की आपूर्ति छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवा निगम के भंडार से की जा रही है। विकासखंड स्तर पर औषधि सहायक एवं भंडार प्रभारी वितरण, भंडारण एवं विवरण प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। सूचना एकत्रीकरण एवं विश्लेषण के लिए ऑनलाइन प्रपत्र का उपयोग किया जा रहा है, जिससे त्वरित जानकारी उपलब्ध हो सके। जनजागरूकता के तहत संबंधित ग्रामों में दीवार लेखन, फलक, पोस्टर के माध्यम से मलेरिया से बचाव, लक्षणों की जानकारी, स्वच्छता एवं मच्छरदानी के उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।