छत्तीसगढ़

समग्र बांस विकास सम्मेलन बांस विशेषज्ञ ने पर्यावरण और आजीविका के लिए बांस को बताया उपयोगी

धमतरी, 24 जून 2025/sns/- एक दिवसीय समग्र बांस विकास सम्मेलन का आयोजन आज स्थानीय शासकीय श्रवण बाधितार्थ विद्यालय में किया गया। इस मौके पर कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने कहा कि बांस एक ऐसा बहुउपयोगी प्राकृतिक संसाधन है, जो न केवल आजीविका के नए अवसर प्रदान करता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि जिले के गंगरेल और तुमऱाबाहरा में बांस की खेती को लेकर विशेष कार्य योजना बनाई जा रही है। श्री मिश्रा ने यह भी बताया कि जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति बसाहटों में कमार परिवारों द्वारा बांस से बनी सामग्रियां तैयार की जा रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में बांस के विशेषज्ञ एवं सेवानिवृत्त आईएफएस श्री ए.के. भट्टाचार्य द्वारा बांस आधारित महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही है, जिसका लाभ आप सभी उठायें। कलेक्टर ने किसानों से अपील किया कि वे श्री भट्टाचार्य द्वारा दी गई जानकारियों को आत्मसात करें। इस अवसर पर डीएफओ श्री कृष्ण जाधव, कृषि एवं वन विभाग के अधिकारी, व्यापारी वर्ग एवं जिले भर से आए किसान बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
 इस अवसर पर बांस विशेषज्ञ श्री भट्टाचार्य ने बांस की खेती, उसके प्रकार, प्रबंधन और विपणन के साथ-साथ बांस आधारित आजीविका के अवसरों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बांस, प्लास्टिक और स्टील का बेहतरीन विकल्प है, और इसका हर भाग किसी न किसी रूप में उपयोगी होता है। उन्होंने किसानों को बताया कि बांस से न केवल पारंपरिक चीजें, बल्कि आधुनिक घरेलू और सजावटी सामग्रियाँ जैसे फर्नीचर, लैंप, पेन स्टैंड, झाड़ू, सूपा, बर्तन, टूथब्रश, पानी की बोतलें, ज्वेलरी आदि भी बनाए जा सकते हैं, जिनकी बाजार में काफी मांग है।
श्री भट्टाचार्य ने बताए बांस के प्रमुख फायदे
बांस विशेषज्ञ श्री भट्टाचार्य ने बांस के फायदों की जानकारी देते हुए कहा कि बांस लंबे समय तक आय का स्रोत साबित होता है, बांस एक बार लगाने पर वर्षों तक आय देता है। वहीं बांस पर्यावरण के लिए फायदेमंद मिट्टी कटाव रोकता है, कार्बन अवशोषण करता है और जल संरक्षण में सहायक होता है। ग्रामीणों को उनके घर के पास ही आय के साधन उपलब्ध कराता है। उन्होंने बताया कि बांस से तैयार चीजों की देश-विदेश में मांग प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। श्री भट्टाचार्य ने बेम्बू विलेज, आर्टिशियल कार्ड, बेम्बू एफपीओ, किसान बेम्बू क्रेडिट कार्ड और क्रेता-विक्रता मीट आयोजित करने की भी बात कही। कार्यक्रम के अंत में किसानों ने बांस की खेती को लेकर अपने अनुभव साझा किए और प्रशासन से आवश्यक सहयोग की मांग भी रखी।

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