धमतरी, 24 जून 2025/sns/- नक्शा प्रोजेक्ट के तहत छत्तीसगढ़ लैंड रिकॉर्ड डायरेक्टर श्री विनीत नंदनवार ने जिला पंचायत सभाकक्ष में प्रशिक्षण दिया। फील्ड सर्वे के पूर्व तैयारी, भू धारकों को सूचना, भूमि संबंधी कागजातों का संकलन, भूधारकों, भमि की विस्तृत जानकारी का संकलन, उच्च तकनीक वाली रोवर, ई टी एस मशीन, मोबाईल, वेब बेस्ड पोर्टल का उपयोग करने के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इसके साथ ही समयबद्ध त्रुटि रहित विशुद्ध अधिकार अभिलेख का निर्माण, तैयार अभिलेखों का प्रकाशन, दावा-आपत्ति और उसका निराकरण, संशोधित अभिलेख तैयार कर पुनः अंतिम प्रकाशन, अभिलेखों का मान्यकरण, प्रापर्टी कार्ड का वितरण आदि के बारे में भी बताया गया।
प्रशिक्षण में कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने कहा कि धमतरी जिला शासन की आशा और विश्वास पर खरा उतरा है। राजस्व अभिलेखों का त्रुटिरहित निर्माण से निगम क्षेत्र के निवासियों का वर्षां पुराना सपना पूरा होकर प्रापर्टी कार्ड उपलब्ध हो पायेगा। धमतरी जिले की सर्वेक्षण टीम राज्य में सबसे बेहतर है, उनकी कार्यकुशलता, कर्मठता और कार्य संपादन की पूर्णता पर विश्वास व्यक्त करते हुये आने वाले दिनो में एक सशक्त अभिलेख निर्माण करने की प्रतिबद्धता जाहिर की गई। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनो में धमतरी नक्शा प्रोजेक्ट के लिए उदाहरण बनेगा। श्री मिश्रा ने बताया कि नगरपालिक निगम क्षेत्र की 23.4 वर्ग किमी. कुल क्षेत्रफल के साथ निगम क्षेत्र के पेरी अर्बन क्षेत्रों को शामिल करते हुये कुल 48 वर्ग कि.मी. बफर के साथ सर्वेक्षण कराया गया। वर्टिकल ग्रोथ के साथ-साथ हाँरिजोंटल ग्रोथ के मद्देनजर ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराया गया। इसका लाभ इस निगम को आने वाले 15-20 वर्षों तक मिलता रहेगा। निगम की इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार व टैक्स कलेक्शन के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।
पहली बार सात ट्रेनर्स द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया
आयुक्त भू अभिलेख छ.ग श्री विनित नंदनवार द्वारा हर एक बिंदुओं को विस्तृत रुप से रखा गया। उन्होंने उम्मीद जताया कि हमेशा की तरह इस प्रोजेक्ट में भी धमतरी जिला अव्वल रहेगा। इस मौके पर उपायुक्त, भू अभिलेख छ.ग. श्री मधुहर्ष देवांगन द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। राज्य के दो सहायक प्रोग्रामर द्वारा तैयार पीपीटी का प्रदर्शन किया गया। नक्शा प्रोजेक्ट के राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर और राजस्व निरीक्षक धमतरी श्री दीपचंद भारती द्वारा नक्शा प्रोजेक्ट का उद्देश्य, सर्वेक्षण की चुनौतियों, फील्ड सर्वे, सर्वे के दौरान जानकारी संकलन, भू धारकों के द्वारा किये जाने वाले आपत्तियों का विधिक निराकरण के उपाय, आपत्तियों के संभावित विषय और उसका संभावित हल,डेटा ट्रांसफर, अभिलेख निर्माण के संबंध में बारिकी से विचार रखा गया।
सर्वे टीम के सदस्यों से उपस्थित प्रशिक्षकों, सदस्यों के सवालों का जवाब अपर कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी भू अभिलेख श्रीमती इंदिरा देवहारी द्वारा दिया गया। इस अवसर पर तहसीलदार श्री मधुकर सिरमौर अधीक्षक भू अभिलेख एवं सहायक नोडल अधिकारी नक्शा, नायब तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू अभिलेख, निगम के इंजीनियर, राजस्व निरीक्षक, निगम के आर आई,ए.आर.आई, शहरी क्षेत्र के पटवारी और भुंईया आपरेटर उपस्थित रहे।
नक्शा प्रोजेक्ट का उद्देश्य
बेहतर नगरीय नियोजन, पारदर्शी पूर्ण अभिलेख निर्माण, शहरी विकास, शहरी क्षेत्र की बुनियादी ढांचो मे सुधार, भूमि विवाद का त्वरित निपटारा एवं शहरी क्षेत्रों में स्वामित्व कार्ड वितरण कर भू धारको की आर्थिक सुदृढ़ करना इसका उद्देश्य है। इसके साथ ही कर वसूली, शासकीय भूमि की पहचान कर आधारभूत ढांचे में सुधार, आपदा प्रबंधन, ड्रेनेज प्रणाली में सुधार, अतिक्रमित शासकीय भूमि की पहचान करना भी नक्शा प्रोजेक्ट का उद्देश्य है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “नक्शा प्रोजेक्ट“ शहरी क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर पारदर्शीपूर्ण ऑनलाईन अभिलेख तैयार कर पात्र भू-धारकों को प्रापर्टी कार्ड का वितरण से संबंधित है। अर्बन सर्वे के तहत प्रदेश के 3 नगरपालिक निगम, धमतरी, जगदलपुर, सरगुजा को पायलेट प्रोजेक्ट अंतर्गत लिया गया है।
हैदराबाद की संस्था..
आर्णव इंजीनियरिंग कंसल्टेंसीज लिमिटेड आँफ कार्पोरेशन द्वारा उच्च तकनीक 2 डी नादिर कैमरा और 4 आब्लिक एंगल्ड कैमरा से लेस ड्रोन फ्लाईंग की गई, जो एक सप्ताह में पूरी हुई। इससे 3 डी आक्टो रेक्टिफाईंग इमेजरी मिलेगा।
नगर पालिक निगम क्षेत्रों का वैकल्पिक क्लस्टर में विभाजन…..
निगम क्षेत्र के 40 वार्डों को कुल 12 क्लस्टर में विभाजित कर तहसीलदार, अधीक्षक, नायब तहसीलदार, इंजीनियर की निगरानी में फील्ड सर्वे और अभिलेख निर्माण के लिए राजस्व विभाग और निगम के कर्मचारियों की 48 सदस्यों की 12 टीम बनाई गई।
जिले में पहली बार रोवर, कंट्रोलर’ के माध्यम से डेटा कलेक्शन की जानकारी सर्वे आफ इंडिया’ की टीम द्वारा दी गई
यह मशीन एक समय में 4 से अधिक देश-विदेशों के सैटेलाइट जैसे अमेरिका के जीपीएस, रूस के ग्लोवनाश,चीन के बी डाऊ, यूरोप के गैलिलियो और हमारे भारत देश के आई आर एन एस तथा गगन सैटेलाइट से जुड़कर कोर्स स्टेशन के माध्यम से सर्वे स्थल का 3 कोआर्डिनेट अक्षांश,देशांश ,एल्टीट्यूड का डेटा संकलन किया जयेगा। यह तकनीक इतना उन्नत है कि भूमि की नाप में 1-3 मिलीमीटर का ही वेरियेशन आयेगा। क्षेत्रफल की गणना कम समय में एकदम विशुद्ध प्राप्त होगा।
आने वाले समय में एक नजर
भूमि की परिमाप, भू अर्जन के लिए भूमि की उपलब्धता परंपरागत साधन जरीब गुनिया, टेप से न की जाकर रोवर और इलेक्ट्रॉनिक टोटल मशीन के माध्यम से होगा इससे कम समय में बेहतर और परिशुद्ध अभिलेख का निर्माण होगा। इससे विश्वसनीयता में वृद्धि होगी और भूमि संबंधी समस्याओं ,अतिक्रमण ,व्यवस्थापन का त्वरित निराकरण हो सकेगा।