अम्बिकापुर, 19 जून 2025/sns/- विश्व सिकलसेल दिवस के अवसर पर जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं सामाजिक संगठन संगवारी के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन पी.जी. कॉलेज परिसर एवं माता राजमोहिनी देवी भवन में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिकलसेल बीमारी के प्रति आम नागरिकों में जागरूक करना एवं समय पर जांच और उपचार के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में महापौर श्रीमती मंजूषा भगत, नगर निगम सभापति श्री हरविन्दर सिंह टिन्नी, वरिष्ठ पार्षद श्री आलोक दूबे, श्री करताराम गुप्ता, श्री शिवमंगल सिंह, श्री विकास पांडेय एवं मो. बाबर सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
जागरूकता रैली और रथ को दिखी हरी झंडी
कार्यक्रम की शुरुआत नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं द्वारा जनजागरूकता रैली से हुई, जो अंबेडकर चौक से घंडी चौक तक निकाली गई। जनप्रतिनिधियों ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में सिकलसेल से बचाव, समय पर जांच एवं विवाह पूर्व जांच की अनिवार्यता का संदेश दिया गया।
जनप्रतिनिधियों ने दिया सशक्त संदेश
महापौर श्रीमती मंजूषा भगत ने सिकलसेल को जनजातीय समाज में व्यापक बताते हुए कहा कि शादी से पूर्व अनिवार्य जांच से आने वाली पीढ़ी को इस बीमारी से बचाया जा सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिले में शत-प्रतिशत सिकलसेल कार्ड का वितरण सुनिश्चित किया जाए।
नगर निगम सभापति श्री टिन्नी ने इसे रक्त विकार बताते हुए कहा कि यह बीमारी माता-पिता से बच्चों में जाती है। उन्होंने आम नागरिकों से निःशुल्क सिकलसेल जांच कराने और जागरूक रहने की अपील की।
पार्षद श्री आलोक दूबे ने कहा कि यह जेनेटिक बीमारी है, जो समय पर पहचान और उचित परामर्श से नियंत्रित की जा सकती है। उन्होंने गलतफहमियों को दूर कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया।
स्वास्थ्य विभाग ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी.एस. मार्को ने बताया कि AS और SS प्रकार वाले लोगों को विवाह पूर्व परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है। इससे परिवार एवं समाज को सिकलिंग मुक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर श्री विलास भोसकर के निर्देशानुसार 14 से 19 जून तक जिले के समस्त विकासखण्डों में विशेष सिकल सेल जागरूकता, स्क्रीनिंग एवं उपचार अभियान चलाया गया है, जिले में अब तक सिकलसेल स्क्रीनिंग का 70% लक्ष्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य तेजी से जारी है।
जिला नोडल अधिकारी डॉ. श्रीकांत सिंह ने कहा कि सिकलसेल मरीजों को समय पर रक्त की आवश्यकता होती है। ऐसे में नियमित रक्तदान एक सशक्त माध्यम बन सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक सोमवार व शुक्रवार को शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नवापारा में विशेष सिकलसेल शिविर लगाए जा रहे हैं।
डीपीएम डॉ. पुष्पेन्द्र राम ने बताया कि इस बीमारी के लक्षण बच्चों में 5-6 माह की आयु में दिखाई देने लगते हैं और समय रहते जांच व उपचार की आवश्यक है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जागरूकता को मिला नया आयाम
कार्यक्रम में नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा नुक्कड़ नाटक, क्विज प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। विजयी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस आयोजन में सिकलसेल प्रभावित परिवार, नर्सिंग छात्राएं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं स्वयंसेवी संस्था संगवारी के सदस्य डॉ. योगेश्वर कालकोण्डे, विश्व विजय, सुचिता, मधु, नरेन्द्र आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।