बीजापुर, 17 जून 2025/sns/ – डायरिया से होने वाली मृत्यु दर को रोकने तथा जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से Stop Diarrhoea Campaign 2025 का आयोजन 16 जून से 31 जुलाई तक किया जा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर श्री संबित मिश्रा की अध्यक्षता में आज जिला टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न हुई। कलेक्टर श्री मिश्रा ने सभी विभागों को समन्वय के साथ अभियान को प्रभावी रूप से संचालित करने के निर्देश दिए।
अभियान के तहत 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित रखने के लिए मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर हाथ धोने की विधि, ओ.आर.एस. घोल बनाने की प्रक्रिया, जिंक की महत्ता, दस्त के दौरान मां के दूध के महत्व, तथा स्वच्छ शौचालय उपयोग की जानकारी देंगे।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी और आईपीडी वार्डों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर स्थापित किए गए हैं। जल जनित बीमारियों की रोकथाम हेतु क्लोरीन टेबलेट का वितरण भी किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों में पिछले 3-4 महीनों में डायरिया से प्रभावित 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की जानकारी संकलित की जा रही है। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में ओआरटी कॉर्नर हेतु स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर ओआरएस और जिंक टेबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग स्कूलों में बच्चों के बीच हाथ धोना, स्वच्छ जल, वृक्षारोपण जैसे विषयों पर पोस्टर मेकिंग, निबंध, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन करेगा।
नगरपालिका एवं नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कचरा निस्तारण, नालियों की नियमित सफाई तथा बाजार एवं झुग्गी बस्तियों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत आमजन को हाथ धोने, कचरा न फैलाने और साफ-सफाई के लिए जागरूक किया जाएगा।
वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए कचरे के सुरक्षित संग्रहण व परिवहन की विशेष व्यवस्था की जाएगी।
सभी स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय और सामुदायिक शौचालयों को साफ-सुथरा बनाए रखने तथा सामुदायिक शौचालयों में 24 घंटे जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि संबंधित सभी विभागों के समन्वय से यह अभियान चलाया जाएगा और जिले में डायरिया की रोकथाम के लिए व्यापक जन-जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। अभियान का मुख्य उद्देश्य 0-5 वर्ष के बच्चों में डायरिया से होने वाली बीमारियों एवं मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लाना है।
