बीजापुर, 07 जून 2025/sns/ – कोण्डापल्ली ग्राम जो जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर और विकासखण्ड उसूर से 55 किलोमीटर दूर स्थित है, वर्षाें से विकासखण्ड की मुख्यधारा से कटे हुए एक अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र के रूप में जाना जाता रहा है। मुरिया और दोरला जनजाति के लोग इस ग्राम में निवास करते है, जिनका जीवन मुख्यतः कृषि और वन संसाधनों पर निर्भर रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन और नियद नेल्लानार योजना के तहत सुरक्षा कैम्प की स्थापना कोण्डापल्ली के लिए परिवर्तन की शुरूआत साबित हुई। केन्द्र सरकार की “जल जीवन मिशन” योजना के माध्यम से गांव को पहली बार शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इस योजना के अंतर्गत लगभग 37.29 लाख रूपये की लागत से 3590 लंबी पाइप लाइन बिछाई गई और गांव के 96 परिवारों को घर-घर नल के माध्यम से स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध कराया गया। गांव में 04 नग सोलर-चालित नल संरचनाएं लगाई गई, जिससे बिजली की समस्या के बावजूद जल आपूर्ति निर्बाध रूप से संभव हो सके।
ग्रामसभा के माध्यम से ग्राम कोण्डापल्ली को 30 मई 2025 को सरपंच श्रीमती लक्ष्मी ऐसम एवं ग्रामवासी और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की उपस्थिति में हर-घर जल प्रमाणीकरण किया गया, निरंतर जल आपूर्ति प्रणाली के संचालन संधारण प्रबंधन एवं सतत क्रियाशील बनाये रखने पंचायत को हस्तांतरित किया गया।
इस गांव में जल जीवन मिशन योजना के पहल से न सिर्फ ग्रामीणों की दैनिक समस्याओं का समाधान हुआ, बल्कि उनमें विकास के प्रति एक नई जागरूकता और विश्वास भी जागा। अब महिलाओं और बच्चों को घंटों पानी के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ती जिससे समय की बचत के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी कम हुई है। कोण्डापल्ली गांव की यह कहानी इस बात का उदाहरण है कि जब सही योजना, समपर्ण और प्रशासनिक इच्छा-शक्ति एक साथ आती है, तो सबसे दुर्गम और उपेक्षित क्षेत्र भी विकास की ओर अग्रसर हो सकते हैं। आज कोण्डापल्ली के लोग न केवल विकास की बातें सुनते हैं, बल्कि उसे अपने जीवन मे महसूस भी कर रहे हैं। यह केवल एक योजना की सफलता नहीं है, यह जनजातीय आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान की पुर्नस्थापना की कहानी है।