छत्तीसगढ़

सुकमा में ग्रीष्मकालीन समर कैंप का आयोजन

सुकमा, 02 जून 2025/sns/- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (छम्च्) 2020 के तहत छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में समर कैंप प्रथम चरण 5 मई 25 मई एवं द्वितीय चरण 26 मई से 1 जून तक कुल 27 दिवसीय विभिन्न कौशल प्रशिक्षण एवं भारतीय भाषा उत्सव आधारित कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रबंध संचालक राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर के आदेशानुसार कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में जिले के सभी शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं में समर कैम्प आयोजित किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी श्री जीआर मंडावी के नेतृत्व में आयोजित इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य भारतीय भाषाओं के महत्व को बढ़ावा देना तथा विद्यार्थियों में भाषाई विविधता के प्रति रुचि और सम्मान जागृत करना था।
 ग्रीष्मकालीन समर कैंप के रूप में आयोजित इस उत्सव में प्रत्येक दिन विभिन्न विषयों पर गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इनमें विभिन्न राज्यों से समन्वय स्थापित कर विद्यार्थियों को अन्य भाषाओं और बोलियों की जानकारी देना, एफएलएन मिशन 2026-027, चित्रकारी, नदियों, पहाडो, सांस्कृतिक विरासत संरक्षण एवं महत्व, लोकनृत्य, कला, साहित्य, नाटक, कहानी, देशभक्तों की याद, रानी अहिल्याबाई होल्कर जयंती तथा भारतीय पुरातत्व से जुड़ी पहचान जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल रहे। समर कैंप भाषा उत्सव कार्यक्रम को सफल क्रियान्वयन हेतु विद्यालय परिवार सहित शाला प्रबंधन समितियों, सेवानिवृत्त शिक्षकों, प्रबुद्धजनों, स्वयंसेवी संगठनों, नवयुवकों तथा आम नागरिकों का सक्रिय सहयोग रहा। शिक्षकों ने ग्रीष्मावकाश के दौरान भी समय देकर विद्यार्थियों का भरपूर उत्साहवर्धन किया। पूरे आयोजन में विकासखंड छिंदगढ़ के विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री कमलेश श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा।
जिला मिशन समन्वयक श्री उमाशंकर तिवारी ने बताया कि यह उत्सव न केवल भारतीय भाषाओं के प्रति जागरूकता का माध्यम बना, बल्कि विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व विकास में भी एक महत्वपूर्ण कदम रहा। जिले 750 विद्यालयों के 35,460 छात्र-छात्राएं समर कैम्प से लाभान्वित हुए। प्रत्येक दिवस के कार्यक्रम की जानकारी राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर, एस सी आर टी रायपुर एवं डाईट दंतेवाडा को उपलब्ध कराई गई। इस कार्यक्रम में श्री श्रीनिवास राव बीईओ कोन्टा, श्री सुखराम देवांगन बीईओ सुकमा सहित समस्त खंड स्त्रोत समन्वयक, प्राचार्य, संकुल समन्वयक, प्रधान पाठक, छात्र एवं ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

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