बलौदाबाजार, 30 मई 2025/sns/- किसानों क़ो खरीफ पूर्व तैयारी की विस्तृत जानकारी देने के उद्देश्य से जिले में विकसित क़ृषि संकल्प अभियान 29 मई से 12 जून तक चलेगा। कलेक्टर दीपक सोनी ने गुरुवार क़ो कलेक्टरेट परिसर बलौदाबाजार से क़ृषि रथ क़ो हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रथ जिले के 78 गांव में पहुंचेगा और किसानों क़ो क़ृषि में नवाचार की जानकारी दी जाएगी।
उप संचालक कृषि दीपक कुमार नायक नें बताया कि भारत सरकार क़ृषि एवं किसान कल्याण विभाग एवं भारतीय क़ृषि अनुसंधान परिषद की संयुक्त सहभागिता से यह अभियान प्रारम्भ किया गया है।अभियान अंतर्गत 3 क़ृषि रथ जिले के 5 विकासखण्डों में कुल 78 गांव के शिविरों में पहुंचेंगे।प्रत्येक शिविर में कम से कम 200 कृषकों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र, भाटापारा, संबंधित सहकारी समिति, पशुपालन विभाग, उद्यानिकी विभाग एवं मत्स्य विभाग को लक्ष्य प्रदाय किया गया है। इन शिविरों में क़ृषि रथ कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु उक्त समस्त विभागों के मैदानी अमलों को भी कार्य आबंटन कर दायित्वों का निर्वहन करने हेतु निर्देशित किया गया है। जिले में तीन टीम गठित की गई है. जो प्रत्येक दिन दो-दो ग्रामों में, कुल 6 ग्रामों में (13 दिवस में कुल 78 स्थल) खरीफ में कृषि कार्य के लिए किसानों के साथ वैज्ञानिक परिचर्चा कर सलाह दी जायेगी।
कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण, एग्री स्टेक अन्तर्गत फार्मर रजिस्ट्रेशन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की जानकारी, आधुनिक कृषि ड्रोन का प्रदर्शन, किसान क्रेडिट कार्ड हेतु ईच्छुक कृषकों का आवेदन, सिंचाई विस्तार हेतु ड्रिप एवं स्प्रिंकलर के बारे में जानकारी, ईडिबल ऑयल सीड योजना की जानकारी, कतार बोनी से कृषकों को लाभ के संबंध में जानकारी, डी.ए.पी. के स्थान पर अन्य विकल्प उर्वरक (एसएसपी एवं एनपीके) के संबंध में, फसल अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में जानकारी, कृषि यंत्रों की जानकारी, प्रमुख खरीफ फसलों की नवीनतम तकनीकों के संबंध में कृषकों के मध्य जागरूकता का निर्माण, विभिन्न कृषकोन्मुखी शासकीय योजनाओं एवं नीतियों के संबंध में प्रचार-प्रसार, मृदा स्वास्थ्य पत्रक की अनुशंसा के आधार पर उर्वरक तथा सूक्ष्म तत्वों की आवश्यक मात्रा के निर्धारण हेतु कृषकों को जागरूक करते हुए संतुलित उर्वरक को बढावा, कृषकों से प्राप्त सुझाव एवं समस्याओं तथा कृषकों द्वारा किये गये नवाचारों के संबंध में जानकारी संकलन तथा इसके आधार पर आवश्यक अनुसंधान प्राथमिकताओं का निर्धारण, उर्वरक, बीज भण्डारण एवं वितरण के बारे में विस्तृत जानकारी तथा अन्य विषयों पर चर्चा कर जानकारी दी जायेगी।