छत्तीसगढ़

जिले के 14 स्वास्थ्य संस्थानों में आयोजित हुआ पीएम सुरक्षित मातृत्व अभियान, 1224 गर्भवती महिलाएं लाभान्वित

कवर्धा, 27 मई 2025/sns/-    जिले में मातृ मृत्यु दर को शून्य करने के लक्ष्य को लेकर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत 24 मई को एक वृहद स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन जिले के 14 चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों में एक साथ संपन्न हुआ, जिसमें कुल 1224 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई, जिनमें से 418 महिलाएं उच्च जोखिम वाली श्रेणी में चिन्हित की गईं।
अभियान के अंतर्गत उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, उपचार व परामर्श प्रदान किया गया। ऐसे मामलों में वे महिलाएं शामिल थीं जिनका पहला प्रसव ऑपरेशन से हुआ हो, पहले गर्भपात या मृत शिशु का जन्म हुआ हो, जिनका वजन या ऊंचाई कम हो, कम उम्र में गर्भधारण हुआ हो, गंभीर एनीमिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह अथवा अन्य किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हों। इस दौरान स्त्री रोग विशेषज्ञों, महिला चिकित्सकों एवं महिला आरएमए ने अपनी सेवाएं दीं। साथ ही जिले के 6 निजी अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भी इस अभियान में भाग लेकर सेवाएं दीं। जांच प्रक्रिया में पेट की जांच, खून एवं मूत्र की जांच शामिल रही। गर्भवती महिलाओं को स्पष्ट रूप से यह जानकारी दी गई कि उच्च जोखिम वाले मामलों का प्रसव केवल फर्स्ट रेफरल यूनिट में ही कराया जाना अनिवार्य है।
इस अभियान की सघन मॉनिटरिंग राज्य, जिला और विकासखंड स्तर पर की गई। राज्य स्तर से डॉ. टी.के. टोंडर प्रभारी उपसंचालक एवं डॉ. श्वेता शर्मा राज्य सलाहकार ने निरीक्षण किया। जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. राज, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती अनुपमा तिवारी, डॉ. मुकुंद राव सलाहकार सहित अन्य अधिकारी व डेटा प्रबंधकों ने अभियान का जायजा लिया। खंड चिकित्सा अधिकारियों, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर एवं सेक्टर सुपरवाइजरों ने भी संस्थानों का निरीक्षण करते हुए बेहतर सेवा व्यवस्था सुनिश्चित की। जिला चिकित्सालय में आरसीएच नोडल अधिकारी व स्त्री रोग विशेषज्ञ ने मातृ कक्षों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं परखी और उच्च जोखिम वाली महिलाओं को मदर पिकनिक योजना के तहत डिलीवरी कक्ष का भ्रमण भी कराया गया।
जिले में कुल 10 महिलाओं की तत्काल सोनोग्राफी की गई, जबकि 63 अन्य महिलाओं की सोनोग्राफी 31 मई 2025 तक सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है। सभी हितग्राहियों को निःशुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई गईं। यह अभियान जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के समन्वित प्रयासों का प्रमाण है, जो मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की दिशा में एक प्रभावशाली और संवेदनशील पहल है।

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