सुकमा, 05 मई 2025/ sns/- जिला प्रशासन सुकमा द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति व्यवस्था क़ायम रखने और पुनर्वास की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन और मार्गदर्शन में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (त्ैम्ज्प्) के माध्यम से आत्मसमर्पण करने वाले पूर्व माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है।
नक्सल पुनर्वास नीति के तहत इन युवाओं को आर-सेटी प्रशिक्षण केंद्र सुकमा में 24 आत्मसमर्पित युवाओं को कृषि उद्यमी की आधुनिक तकनीकों तथा पशुपालन के नवीन और उत्पादक तरीकों का गहन प्रशिक्षण दिया गया। यह 13 दिवसीय प्रशिक्षण उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ सम्मानजनक जीवन जीने की दिशा में एक सशक्त कदम है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में ड्रिप इरिगेशन, वर्मी कम्पोस्ट, जैविक धान की खेती, सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, फल प्रोसेसिंग, डेयरी पालन, बकरी पालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, औषधीय पौधों की जानकारी जैसे विषयों पर जानकारी दी गई। इस अवसर पर उन्हें उद्यमिता विकास के लिए वित्तीय साक्षरता और लघु उद्यम स्थापित करने की प्रक्रिया भी सिखाई जा रही है। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। समापन अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
आर-सेटी एसबीआई के डायरेक्टर श्री विकास कुमार ने बताया कि 24 आत्मसमर्पित माओवादियों को कृषि एवं पशुपालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है। आरसेटी के माध्यम से उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान किया जा रहा है। इससे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और वे समाज की मुख्य धारा में शामिल होंगे। इसके पश्चात उन्हें लाइवलीहुड कॉलेज में अन्य रोजगारमूलक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
समापन अवसर पर मास्टर ट्रेनर श्री खुश सिन्हा, विषय संकाय श्री ओमप्रकाश साहू तथा कार्यालय सहायक श्री कमलेश सिन्हा उपस्थित थे।