छत्तीसगढ़

जिले में स्वास्थ्य सूचकांक को मजबूत बनाने के लिए जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करने की जरूरत कलेक्टर


राजनांदगांव, 26 अप्रैल 2025/sns/- कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले में स्वास्थ्य सूचकांक को मजबूत बनाने के मद्देनजर अधोसंरचना, स्वास्थ्य सुविधाओं, अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण करने, सुशासन तिहार एवं अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ली। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि शासन की योजनाओं के अंतर्गत जनसामान्य को अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए। जिला स्तर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न आयामों में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने स्वास्थ्य सूचकांक को प्राथमिकता देते हुए शासन की योजनाओं के बेहतरीन क्रियान्वयन, अधोसंरचना, रिक्त पदों पर भर्ती, व्यवस्था, प्रबंधन सहित विभिन्न मुद्दों पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं के अंतर्गत आयुष्मान भारत जैसी महत्वपूर्ण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत है। विभिन्न योजनाओं के तहत लक्ष्य की पूर्ति के लिए जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण करें। आयुष्मान कार्ड, दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण कार्य प्राथमिकता देते हुए कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने, कार्यप्रणाली तथा व्यवस्थाओं को सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड के क्लेम का प्रकरण निरस्त नहीं होना चाहिए, इस पर विशेष रूप तौर से ध्यान देने की आवश्यकता है। एक बार पुन: व्यवस्थित तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड निर्माण की समीक्षा के दौरान कहा कि 94 प्रतिशत नागरिकों के आयुष्मान कार्ड बन जाने के बाद शेष हितग्राहियों को इस योजना से लाभान्वित करने के लिए शिविर लगाकर तथा मोबाईल नंबर से आधार कार्ड को लिंक करने की आवश्यकता है। 70 वर्ष एवं 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड के तहत कार्ड निर्माण कार्य में गति लाए। जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य मापदण्डों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि जिले में संस्थागत प्रसव बढ़ाने की आवश्यकता है। सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रशिक्षित नर्स उपलब्ध रहें। उन्होंने होम डिलिवरी तथा संस्थागत प्रसव के संबंध में जानकारी ली तथा कहा कि शासकीय चिकित्सालय में अच्छी सुविधाएं होनी चाहिए। नर्स एवं अन्य स्टॉफ का व्यवहार अच्छा होना चाहिए। मातृ मृत्यु होने की स्थिति में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं डॉक्टर स्वयं जाकर तत्काल इस संबंध में जांच करेंगे। मातृ मृत्यु दर में कमी लाने तथा सुरक्षित मातृत्व के लिए कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने शिशु मृत्यु दर के संबंध में जानकारी ली तथा बच्चों के जन्म एवं उनके नियमित टीकाकरण के संंबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बच्चों का नियमित टीकाकरण होना चाहिए तथा राष्ट्रीय दृष्टिहीनता उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बच्चों को अगले वर्ष से दो चश्में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला चिकित्सालय एवं अन्य सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में निर्माणाधीन कार्यों के संबंध में जानकारी ली तथा रिक्त पदों पर भर्ती शीघ्र करने कहा। उन्होंने निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ 100 दिवसीय पहचान एवं उपचार अभियान के तहत टीबी के मरीजों को दिए जाने वाले पोषण आहार के संबंध में जानकारी ली तथा पोषण आहार के लिए अधिक से अधिक स्वयं सेवी संस्थाओं तथा नागरिकों को इस कार्यक्रम में सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने कहा। उन्होंने सिकल सेल के संबंध में जानकारी ली तथा स्क्रीनिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिकल सेल मरीजों का उपचार तत्काल प्रारंभ करें तथा उन्हें दवाईयांं देने के साथ-साथ काउंसलिंग करने की भी आवश्यकता है। जनौषधि केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध होनी चाहिए। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस योजना अंतर्गत शत-प्रतिशत लोगों को डायलिसिस का लाभ मिले एवं सभी मशीनों का उपयोग हो इस हेतु कार्य योजना बनाकर कार्य करने कहा। कलेक्टर ने जिले में मोतियाबिंद के मरीजों के संबंध में जानकारी ली तथा जिले को मोतियाबिंद जिला मुक्त करने के लिए कार्य में तेजी लाने के लिए कहा। उन्होंने ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए हीटवेव स्ट्रोक के संबंध में एडवाईजरी जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, महामारी नियंत्रण, एनिमिया, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत मलेरिया, डेंगू, फाईलेरिया के संबंध में गहन समीक्षा की।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि सिकल सेल के मरीजों का ईलाज करने तथा डाटा एण्ट्री का कार्य समय पर पूर्ण करने कहा। उन्होंने कहा कि जनौषधि केन्द्र का अधिक से अधिक लाभ जनमानस को मिलना चाहिए। समय-समय पर हीटवेव से संबंधी जानकारी एवं सावधानी से नागरिकों को अवगत कराने की आवश्यकता है। इस दौरान संयुक्त संचालक शासकीय मेडिकल कालेज डॉ. अतुल देशकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन, सिविल सर्जन डॉ. यूएस चंद्रवंशी, डीपीएम डॉ. संदीप ताम्रकार, जिला क्षय अधिकारी डॉ. अल्पना लुनिया, सभी विकासखंड के बीएमओ एवं बीपीएम, जिला कार्यक्रम सलाहकार, मितानिन समन्वयक, जिला प्रबंधक डाटा श्री अखिलेश चोपड़ा, जिला समन्वयक आयुष्मान भारत श्री ऐश्वर्य साव, शहरी आयुष्मान भारत से सुश्री पूजा मेश्राम सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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