छत्तीसगढ़

नक्सलियों के 8 अप्रैल के शांति वार्ता वाले पत्र के जवाब में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट कहा सरकार हर स्तर पर वार्ता करने को तैयार है, सिर्फ पत्र ना लिखें पहल प्रारंभ करें

नक्सलियों के 8 अप्रैल के शांति वार्ता वाले पत्र के जवाब में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट कहा सरकार हर स्तर पर वार्ता करने को तैयार है, सिर्फ पत्र ना लिखें पहल प्रारंभ करें

रायपुर। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने गुरुवार को अपने निवास कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का बड़ा ही स्पष्ट भाव है कि बस्तर के गाँवों तक विकास का मार्ग प्रशस्त हो। इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है, दृढ़ता के साथ इस काम को किया भी जाएगा। श्री शर्मा ने कहा कि नक्सलियों ने शांति वार्ता के लिए अपील की है, लेकिन वे पहल प्रारम्भ करे। उन्होंने कहा नक्सलियों ने किसी ‘समिति’ का जिक्र किया है तो वह समिति कौन-सी है, यह भी स्पष्ट करें। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शांति वार्ता के लिए किसी प्रकार की न तो कोई समिति गठित की है और न ही कोई प्रतिनिधि नियुक्त किया है। सरकार सीधे चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है । अगर नक्सली किसी समिति के बारे में बताते हैं तो सरकार उनके सुरक्षा की पूरी गारंटी लेने को तैयार है वे चर्चा के लिए आए ।सरकार प्रत्येक प्रश्न का समुचित हल प्रस्तुत करेगी।
श्री शर्मा ने पत्र के संबंध में कहा कि नक्सली कह रहे हैं कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करना पड़ता है ,स्थानीय स्तर से बात करना पड़ता है, सरकार का स्पष्ट आग्रह है कि किसी और की प्रतीक्षा न करें। आप अगर स्वयं चर्चा के लिए तैयार हैं ,कोई एक व्यक्ति भी चर्चा के लिए तैयार है, कोई छोटा या बड़ा समूह भी चर्चा के लिए तैयार है, तो हम उसके साथ भी चर्चा के लिए तैयार हैं। सरकार विश्वास दिलाती है कि हम आपके लाइफ सेटल होने तक आपके साथ खड़े रहेंगे।
उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी की विश्वसनीय सरकार है ,बस्तर ओलंपिक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने भी करबद्ध निवेदन किया था कि नक्सली मुख्यधारा में आए। यही आग्रह श्री शाह ने अभी बस्तर पण्डुम में भी किया है। मुख्यमंत्री श्री साय नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटकर गाँवों के विकास के मार्ग को प्रशस्त करने की बार-बार अपील किये है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की नई पॉलिसी में यह प्रावधान है कि अगर नक्सली समर्पण करेंगे, सरकार के साथ चलेंगे तो उनके खिलाफ जो प्रकरण है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और उसको वापस भी लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नक्सली गांव के लोगों को आजाद करें, बंदूक के जवाब में चर्चा नहीं होती यह नक्सलियों को समझना चाहिए।
श्री शर्मा ने कहा कि जब बस्तर ओलंपिक हो रहा था, असम के बोडोलैंड के आंदोलनकारी, जिन्हें तब आतंकवादी कहा गया था, 10 हजार की संख्या में समर्पण किया। आज बोडोलैंड टेरिटरी रीजन वहाँ पर है और उसमें वे विधायक हैं, अपने लोगों की सेवा कर रहे हैं। बस्तर ओलंपिक में उनका भी सहयोग लिया गया था। उन्होंने गाँव-गाँव घूमकर इस बात को लोगो को बताया भी है। श्री शर्मा ने आश्वस्त किया कि मुख्यधारा में लौटे नक्सलियों की पूरी लाइफ सेटल होने तक प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी। अब अगर नक्सली वार्ता चाह रहे हैं तो इसमें उनको शीघ्रता करनी चाहिए। वे बात कर आगे बढ़ें। पर यह स्पष्ट रहे कि नक्सली मुख्यधारा में आएँ। बंदूक का जवाब चर्चा नहीं होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *