छत्तीसगढ़

आज से 22 अप्रैल तक होगा पोषण पखवाड़ा का आयोजन

पोषण पखवाड़ा में अधिकाधिक जन सहभागिता सुनिश्चित करवाने की अपील

जगदलपुर , 07 अप्रैल 2025/sms/- पोषण संबंधी परिणामों में सुधार लाने के उदेश्य से वर्ष 2018 से पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है। व्यक्तिगत एवं समुदाय स्तर पर पोषण संबंधित व्यवहार परिवर्तन पोषण अभियान का एक मुख्य उद्देश्य है। उद्देश्य प्राप्ति हेतु जन आंदोलन घटक अंतर्गत प्रति वर्ष विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर पोषण पखवाड़ा का आयोजन मार्च-अप्रैल में किया जाता है। इसी कड़ी में भारत सरकार महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार इस वर्ष भी कल 08 अप्रैल से 22 अप्रैल 2025 तक पोषण पखवाडा का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री हरिस एस ने इस पोषण पखवाड़ा की गतिविधियों में अधिकाधिक जन सहभागिता सुनिश्चित करवाने हेतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पंचायत पदाधिकारियों से अपील करते हुए कहा है कि पोषण पखवाड़ा के दौरान आयोजित गतिविधियों में सभी के समेकित व सक्रिय सहयोग से जनसाधारण, स्व सहायता समूहों के सदस्यों और ग्रामीणों की व्यापक सहभागिता हो सकेगी। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले को आपसी समन्वय से पोषण पखवाड़ा को परिणाममूलक बनाने कहा है। पोषण पखवाड़ा 2025 के दौरान मुख्य रूप से जीवन के प्रथम 1000 दिवस पर विशेष ध्यान देने, पोषण ट्रैकर में उपलब्ध बेनिफिशरी मॉड्यूल का व्यापक प्रचार-प्रसार, सी-मैम मॉड्यूल के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन और बच्चों में मोटापे की समस्या को रोकने के लिए स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने सम्बन्धी जागरूकता इत्यादि गतिविधियां आयोजित की जाएगी। इन गतिविधियों के अलावा कुपोषण मुक्ति हेतु जनजागरूकता एवं समुदाय तक पहुंच हेतु आंगनबाडी केन्द्रों में पोषण भी-पढ़ाई भी, पर्यावरण संरक्षण (मिशन लाईफ), जल संरक्षण, स्वसहायता समूहों की बैठक, खेलकूद गतिविधियां, टीकाकरण शिविर, गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच, अन्नप्राशन, योग शिविर, स्थानीय मिलेट आधारित परम्परागत खाद्य पदार्थों का प्रचार-प्रसार, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, आयुष एवं स्वच्छता सम्बन्धी गतिविधियां, डायरिया प्रबंधन, एनीमिया उन्मूलन जैसी संवेदीकरण गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा। पोषण पखवाड़ा के प्रभावी एवं सुचारू आयोजन सहित पृथक-पृथक गतिविधियों में जनप्रतिनिधियों, पंचायतीराज संस्थाओं के पदाधिकारियों, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी, महिला स्व-सहायता समूहों, महिला मंडलों, नेहरू युवा केन्द्र, राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना आदि की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया गया है।

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