- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 लोकहित में महत्वपूर्ण
- सूचना का अधिकार अधिनियम की रखें पूरी जानकारी
- निर्धारित समय का पालन करते हुए संबंधित आवेदनों को प्राथमिकता से निराकरण करने की जरूरत
- आरटीआई के माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन में आ सकता है सकारात्मक परिवर्तन
- अधिकारी संवेदनशीलतपूर्वक प्रकरण का करें निराकरण
- आरटीआई ऑनलाईन होने के कारण अब अधिक सुगमता एवं कुशलतापूर्वक हो सकेगा कार्य
- आवेदनकर्ता की मेहनत और खर्च की होगी बचत
राजनांदगांव मार्च 2025/sns/ कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल की उपस्थिति में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्रथम अपीलीय अधिकारियों एवं जनसूचना अधिकारियों हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान राज्य सूचना आयोग के अनुभाग अधिकारी श्री अतुल वर्मा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 लोकहित में महत्वपूर्ण है तथा हमें सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम की पूरी जानकारी रखें। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में नागरिकों को लोकहित से जुड़े मुद्दों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होता है। जिससे नागरिकों को शक्ति मिलती है। जानकारी जिस रूप में होती है, उसी स्वरूप में आवेदनकर्ता को सूचना देना होता है। संकलित कर कोई भी जानकारी नहीं देना है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार सुरक्षा कवच है। सभी अधिकारियों को निर्धारित समय का पालन करते हुए इससे संबंधित आवेदनों को प्राथमिकता से निराकरण करने की जरूरत है। कार्यालयों में यह जिम्मेदारी है कि सूचना के अधिकार से संबंधित फाईल व्यवस्थित एवं संधारित रखें तथा समय पर निराकरण करें। उन्होंने कहा कि आरटीआई के माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। हो सकता है कि आरटीआई लगाने वाले व्यक्ति के लिए सूचना महत्वपूर्ण हो। अधिकारी संवेदनशीलतपूर्वक प्रकरण का निराकरण करें और समस्या का समाधान करें। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आयोजित प्रासंगिक कार्यशाला के लिए सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकानाएं दी। उन्होंने कहा कि इसके जरिए आप सभी अधिकारियों की मदद कर पाएंगे।
राज्य सूचना आयोग के अनुभाग अधिकारी श्री अतुल वर्मा ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत विभिन्न नवीनतम जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। आरटीआई ऑनलाईन होने के कारण यह कार्य अब अधिक सुगमता एवं कुशलतापूर्वक हो सकेगा। इसके लिए सभी अधिकारी-कर्मचारी, आवेदक पंजीयन करा सकते है। उन्होंने बताया कि आरटीआई के संबंध में आयोग के ऑनलाईन वेबपोर्टल में महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी विभागों में जनसूचना अधिकारी तथा अपीलीय अधिकारी की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि डिजिटल तरीके से आरटीआई के प्रकरणों का निराकरण करने पर दो लाभ होगे। जिसमें शुल्क ऑनलाईन भुगतान करेंगे तथा जानकारी ऑनलाईन प्रदान की जाएगी। जिससे आवेदनकर्ता की मेहनत और खर्च की बचत होगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अधिकतम 30 दिनों में प्रकरणों का निराकरण करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी की संपत्ति, व्यक्तिगत जानकारी, आधार कार्ड एवं अन्य निजी रिपोर्ट सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत नहीं दिए जा सकें। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार प्रकरणों के लिए पंजी बनाएं तथा निराकरण करें। शुल्क लगाने के लिए गणना पत्रक में पृष्ठ की संख्या स्पष्ट लिखते हुए कुल राशि बताएं। उन्होंने कहा कि बीपीएल परिवार के सदस्यों के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा तथा 100 रूपए तक की पात्रता का लाभ मिलेगा, जिससे अधिक होने पर शुल्क देय होगा। उन्होंने कहा कि लोकहित से जुड़े मुद्दों पर आरटीआई के तहत सूचना देनी है। सूचना के असंतुष्ट होने पर आवेदनकर्ता नियमों के तहत प्रथम अपील कर सकते है। उन्होंने अधिनियम के प्रावधानों में छूट, अधिनियम के क्रियान्वयन सहित अन्य विषयों के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने अधिकारियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय ने कहा कि राज्य सूचना आयोग के निर्देशानुसार कार्यशाला का आयोजन किया गया है। अधिकारियों को नवीनतम अधिनियमों की की जानकारी होनी चाहिए। भ्रांतियों को दूर करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम में नई कंडिकाएं जोड़ी गई है, वही संशोधन भी किया गया है। इस दृष्टिकोण से यह कार्यशाला महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शीतल बंसल, एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा, जिला जनसूचना अधिकारी व संयुक्त कलेक्टर सुश्री हितेश्वरी बाघे, संयुक्त कलेक्टर सरस्वती बंजारे, मास्टर ट्रेनर श्री कैलाश चंद्र शर्मा, मास्टर ट्रेनर श्री दीपक सिंह ठाकुर एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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कलेक्टर कृषि मेला सह कृषक संगोष्ठी कार्यक्रम में हुए शामिल - किसानों को कम पानी की खपत वाले फसल लगाने के लिए किया प्रेरित
- जल संरक्षण के महत्व के बारे में दी गई जानकारी
राजनांदगांव 19 मार्च 2025। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल अनुसूचित जनजातीय उपयोजना अंतर्गत भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी में आयोजित एक दिवसीय कृषि मेला सह कृषक संगोष्ठी कार्यक्रम में शामिल हुए। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों से मृदा उर्वरता को बनाए रखने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने जिले में भू-जल के गिरते जल स्तर के संबंध में किसानों को जानकारी दी तथा आने वाले पीढ़ी के लिए जल संरक्षण करने के लिए आवश्यक उपायों को अपनाने के लिए कहा। उन्होंने किसानों को ग्रीष्मकाल में धान फसल के बदले अन्य कम पानी की खपत वाले अन्य फसल लगाने एवं खेतों में पौधरोपण करने की अपील की। इस अवसर पर कलेक्टर ने कृषि विज्ञान केंद्र के नवीन प्रदर्शनी कक्ष का उद्घाटन किया। किसानों को बीजों का वितरण भी किया गया। इस दौरान श्री कोमल सिंह राजपूत, सांसद प्रतिनिधि श्री बीडी साहू, सरपंच श्री सुग्रीम साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गुंजन झा ने किसानों को सब्जियों एवं फलों की जैविक खेती पर व्याख्यान दिया। कृषि विभाग के उपनिदेशक श्री एनएल पाण्डे ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं अनुदान के संबंध में जानकारी प्रदान की। भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. नारायण लाल ने जैविक बागवानी का महत्व, डॉ. वसंदा कुमार ने मृदा स्वास्थ कार्ड, डॉ. दिनेश कुमार यादव ने कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग हेतु रखी जाने वाली सावधानियां, डॉ. प्रभात त्रिपाठी ने प्राकृतिक खेती व मृदा परीक्षण का महत्व, कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. नूतन रामटेके ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने में पशुपालन का महत्व, श्रीमती अंजलि घृतलहरे ने मृदा नमूने प्राप्त करने की विधि व परीक्षण एवं मृदा स्वास्थ पोर्टल, डॉ. अतुल डांगे ने कृषि यंत्रीकरण, डॉ. योगेंद्र श्रीवास ने कृषि विज्ञान केंद्र की विभिन्न गतिविधियों एवं कृषि प्रसार तकनीकी, श्री जितेंद्र मेश्राम ने दलहनी फसलों में रोग प्रबंधन विषयों पर व्याख्यान दिया। श्री मनीष कुमार सिंह द्वारा जैविक खेती की महत्ता के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में विभिन्न ग्रामों से पहुंचे कृषकगण उपस्थित थे।
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स्काउट्स एवं गाइड्स द्वारा प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला के बच्चों को हाथ धोने के सही तरीके एवं इसके स्वास्थ्यगत लाभ के संबंध में दी गई जानकारी
राजनांदगांव 19 मार्च 2025। भारत स्काउट्स एवं गाइड्स शाखा राजनांदगांव द्वारा अच्छे स्वास्थ्य की आदतों को बढ़ावा देना एवं स्वास्थ्य आदतों को विकसित व प्रोत्साहित करना है थीम के के तहत जिले के विभिन्न विद्यालयों में विद्यार्थियों को हाथ धोने के सही तरीके एवं इसके स्वास्थ्यगत लाभ के संबंध में जानकारी दी गई। स्काउट्स एवं गाइड्स द्वारा थीम के अंतर्गत प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला के 6 वर्ष से 12 वर्ष के विद्यार्थियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया एवं हाथ धोने का सही तरीके बताया गया। जिले के शासकीय प्राथमिक शाला माथलडबरी डोंगरगांव, शासकीय प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला धौराभाठा डोंगरगढ़, शासकीय प्राथमिक शाला मुरमुन्दा डोंगरगढ़, शासकीय प्राथमिक शाला हरडुवा राजनांादगांव, पीएमश्री सर्वेश्वर दास विद्यालय राजनांदगांव, एमएलबी शाासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला राजनांदगांव, शासकीय प्राथमिक शाला पदुमतरा राजनांदगांव, शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला दीवानझिटिया डोंगरगांव, शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला स्टेशन मुढ़ीपार राजनांदगांव, शासकीय प्राथमिक शाला नवागांव डोंगरगांव, शासकीय प्राथमिक ठाकुर प्यारेलाल सिंह प्राथमिक शाला राजनांदगांव, राईट गुरूकुल स्कूल राजनांदगांव, शासकीय प्राथमिक शाला डोगरगढ़, नेहरू विद्यालय सिंघोला राजनांदगांव, शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला उपरवाह राजनांदगांव, शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला टेड़ेसरा राजनांदगांव, शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला सेन्दरी डोंगरगढ़, सेजेस सुकुलदैहान राजनांदगांव के लगभग 2 हजार 28 छात्र छात्राओं को हाथ धोने के सही तरीके एवं इसके स्वास्थ्यगत लाभ के संबंध में जानकारी दी गई।
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जिला कोषालय में चेक का स्पष्ट विवरण 24 मार्च तक उपलब्ध कराने के निर्देश
राजनांदगांव 19 मार्च 2025। वरिष्ठ कोषालय अधिकारी द्वारा जिले के सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु प्रदान किए गए सभी उपयोग किए गए एवं निरंक चेक का स्पष्ट विवरण चेक बुक के साथ 24 मार्च 2025 को अपरान्ह 5.30 बजे तक जिला कोषालय राजनांदगांव में उपलब्ध कराने कहा गया है। उन्होंने बताया कि अत्यावश्यक परिस्थितियों में 26 से 28 मार्च 2025 तक कोषालय अधिकारी, संचालक बजट के माध्यम से स्वीकृति प्रदान कर संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी को चेकबुक उपलब्ध कराया जाएगा। जिस पर संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी के हस्ताक्षर एवं कोषालय अधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षर किए जाएंगे। वित्तीय वर्ष के लेन-देन की समाप्ति के पश्चात आहरण एवं संवितरण अधिकारी की प्राप्ति अभिस्वीकृति लेकर चेकबुक वापस किया जा सकेगा। जारी किए गए सभी चेक का भुगतान 30 मार्च 2025 तक सुनिश्चित किया जाएगा।
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डिजिटल कृषि ग्राम निर्माण हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण - किसानों को क्रॉप डॉक्टर एप, दामिनी एप एवं अन्य जानकारी की गई प्रदान
राजनांदगांव 19 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कृषि के डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राजनांदगांव जिले के आदिवासी बाहुल्य ग्राम मलपुरी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, एनआईसी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई, इनोवेशन एण्ड टेक्नोलोजी फाउंडेशन द्वारा वित्तीय पोषित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आदिवासी कृषकों को क्रॉप डॉक्टर मोबाइल एप को इन्स्टाल कराकर इसके उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया एवं एप के माध्यम से मिलने वाले लाभ की जानकारी दी गई।
कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गुंजन झा ने फल एवं सब्जियों के उत्पादन तकनीकी एवं क्रॉप डॉक्टर एप के माध्यम से मिलने वाली जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि क्रॉप डॉक्टर एप के माध्यम से फसलों में होने वाली बीमारी, कीट से सुरक्षा तथा पोषक तत्वों की कमी के संबंध में जानकारी प्रदान की जा सकती है। डॉ. अतुल डांगे ने एप के माध्यम से कृषि यंत्रीकरण एवं डिजिटल कृषि मार्केटिंग पर व्याख्यान दिया। श्रीमती अंजलि घृतलहरे ने मृदा परीक्षण एवं एप के माध्यम से फसलों में होने वाले पोषक तत्वों की पहचान एवं निराकरण पर विस्तृत जानकारी दी गई। डॉ. योगेंद्र श्रीवास ने एप को इन्स्टाल कराकर एप्प की सम्पूर्ण जानकारी के साथ मौसम आधारित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा विकसित एप दामिनी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दामिनी एप के माध्यम से आकाशीय बिजली से होने वाले नुकसान से बचने के लिए एक उपयोगी एप है, जो बिजली गिरने की संभावना का पूर्वानुमान लगाकर लोगों को सचेत करता है। जिससे जान-माल की क्षति को कम किया जा सकता है। इस एप की जानकारी प्रदान कर उपयोग के तरीके कृषकों को बताए गए एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कृषि के क्षेत्र में समायोजन करने से कृषकों को होने वाले लाभ से अवगत कराया गया।