छत्तीसगढ़

लोगों का भ्रम दूर करने आईएएस अधिकारी ने बैठक में खाई फाईलेरिया की गोली

अनुभव का लाभ लेने एनजीओ को बैठक में किया आमंत्रित

बिलासपुर मार्च 2025/sns/कोटा एसडीएम एवं प्रोबेशनरी आईएएस तन्मय खन्ना ने लोगों में भ्रम दूर करने के लिए बैठक में स्वयं फाईलेरिया की दवा खाई। उन्होंने कहा कि फाईलेरिया (हाथीपांव) एक घातक रोग है। इस रोग के लग जाने से इसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन इसे समय पूर्व दवा खाने से रोका जा सकता है। दवा के संबंध में कतिपय भ्रम हो जाने पर कुछ लोग दवाई के सेवन से बच रहे हैं। उन्होंने इसे निर्मूल साबित करते हुए सबके बीच स्वयं दवा खाई और अन्य अधिकारियों को भी दवा सेवन कराया। उन्होंने सभी ग्रामीणों से दवा का सेवन करने की अपील की है। सरकार द्वारा इसका निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। उन्होंने एक नई पहल करते हुए समाज के बीच काम कर रहे यूनिसेफ जैसी एनजीओ को प्रशासनिक बैठक में आमंत्रित किया और योजनओं के जरिए समाज की बेहतरी के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में जाना। उन्होंने सरकारी योजनाओं के मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन में यूनिसेफ के साथ समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए हैं।

अनुविभागीय राजस्व अधिकारी तन्मय खन्ना ने अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली तमाम योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में विशेष रूप से फाईलेरिया बीमारी से बचाव एवं इसके बारे में जागरूकता के संबंध में चर्चा किया गया। अनुविभाग में फाईलेरिया की सामूहिक दवा सेवन के लिए 527 टीमें गठित की गई हैं। संपूर्ण जनसंख्या को इन टीमों के  जरिए दवा सेवन कराया जायेगा। प्रथम चरण में 27 फरवरी से 2 मार्च तक स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवा सेवन कराया गया। दूसरे चरण में 3 मार्च से लेकर 10 मार्च तक लोगों के घर-घर पहुंचकर दवा सेवन कराया जा रहा है। तीसरे चरण में 11 मार्च से 13 मार्च तक छूटे हुए लोगों को दवा खिलाया जायेगा। पात्र लोगों को तीन दवा-एलबेण्डाजाल, डीसी एवं आईवरमेक्टिन खिलाई जा रही है।

विभागीय समीक्षा बैठक में यूनिसेफ के ब्लॉक समन्वयक और वालेन्टियर्स को भी आमंत्रित किया गया था। उन्होंने बताया कि शासकीय योजनाओं के जरिए समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया जा रहा है। एसडीएम श्री खन्ना ने प्रशासन एवं एनजीओ के मध्य सकारात्मक पहल से सरकार की योजनाओं को सुचारू रूप से आमजनों के बीच प्रचार हेतु अच्छा माध्यम होना बताया। उन्होंने कोटा अनुविभाग के सभी अधिकारियों को यूनिसेफ के साथ समन्वय स्थापित कर योजनाओं का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। बैठक में राजस्व, पंचायत, जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, पशु चिकित्सा, लोक निर्माण विभाग, कृषि, सहकारिता, खाद्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। उन सभी की योजनाओं की समीक्षा कर और तेज गति से काम करने के निर्देश दिए।

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