छत्तीसगढ़

धरमजयगढ़ वनमंडल का वन परिक्षेत्र लैलूंगा है हाथी  प्रभावित क्षेत्रजंगली हाथी के हमले में हुई एक व्यक्ति की मौत पर पीडि़त परिवार को दी गई 25.000 रुपये की तत्कालिक सहायताग्रामीणों को हाथी प्रभावित क्षेत्रों में अन्य कार्यों हेतु नहीं जाने की दी जा रही समझाइश


रायगढ़, नवम्बर 2024/sns/ धरमजयगढ़ वनमंडल के लैलूंगा वन परिक्षेत्र में जंगली हाथी के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान अघनु अगरिया (45 वर्ष) के रूप में हुई है, जो ग्राम बगुडेगा का निवासी था। हाथी ने घर का दीवाल तोड़ दिया थाए जिससे अघनु ने भागने की कोशिश की, लेकिन हाथी ने उसे पकड़ लिया और पटक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
        वन विभाग ने पीडि़त परिवार को 25,000 रुपये की तत्कालिक सहायता दी है और मामले की जांच की जा रही है। वन अमले को मानव-हाथी द्वंद की रोकथाम के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है।
      वन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार 12 नवंबर 2024 की रात्रि राजपुर सर्किल स्टाप द्वारा ग्राम बगुडेगा, लगनटिकरा, बैगिनझरिया एवं लखपहरी में वन्य प्राणी हाथी की सूचना एवं हाथी की निगरानी स्टाफ द्वारा किया जा रहा था 13 नवंबर 2024 की सुबह परिसर रक्षक बगुडेगा श्री योगेश कुमार लकड़ा के द्वारा सूचना दी गई कि ग्राम (लगनटिकरा) बगुडेगा के 01 व्यक्ति को जंगली हाथी द्वारा घायल कर दिया गया है। उक्त घटना की सूचना मिलने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी लैलूंगा के साथ घटना स्थल गये व मृतक के संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त किया गया। मृतक श्री अघनु अगरिया वल्द गोहानू अगरिया उम्र 45 वर्ष लगभग साकिन बगुडेगा का निवासी है, घटना दिनांक 12 नवंबर 2024 की रात्रि जो घर में अकेला था हाथी द्वारा उनके घर का दिवाल तोड़ा जा रहा था। जिससे उनके कुत्ते की भौंकने की आवाज सुनकर अघनु द्वारा अपने घर से निकल कर देखा तो हाथियों द्वारा दीवार तोड़ा जा रहा है। उसे देखकर वह अपने घर से भागने की कोशिश किया जो लगभग 100 मी. की दूरी पर ही जंगली हाथी से आमना-सामना हो गया। जिससे जंगली हाथी द्वारा पकड़ लिया गया। वन्यप्राणी जंगली हाथी द्वारा पटकने से मौके पर ही अघनु अगरिया की मृत्यु हो गई। सुबह परिजनो द्वारा खोजबीन किया गया तो पता चला कि श्री अघनु अगरिया मृत अवस्था में पाया गया। परिजनों द्वारा परिसर रक्षक बगुडेगा को सूचना दी गई, तथा घटना स्थल पर पहुंचकर मौका निरीक्षण किया गया कि श्री अघनु अगरिया का शव कक्ष क्र.161 पी.एफ.. के लगभग 800 मी. दूरी पर पड़ा मिला एवं आसपास जंगली हाथी के पैरो के निशान स्पष्ट रूप से पाये गये जिससे प्रतीत होता है, कि श्री अघनु अगरिया की मृत्यु वन्य प्राणी जंगली हाथी द्वारा किया गया है। तत्काल पुलिस बल के सहयोग से मृतक के शव को अग्रिम कार्यवाही हेतु सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र लैलूंगा लाकर रखा गया एवं दिनांक 13 नवंबर 2024 को सुबह पोस्ट मार्टम पश्चात् शव को परिजनो को सौप दिया गया। प्रकरण विवेचना में लेते हुये पीडि़त व्यक्ति के उत्तराधिकारी मृतक की धर्मपत्नी श्रीमति राजकुमारी अगरिया को तत्कालिक सहायता राशि 25 हजार रु दिया गया। एवं प्राथमिक प्रतिवेदन दर्ज कर प्रकरण क्र. 20925/02 दिनांक 13 नवंबर 2024 पंजीबद्ध किया गया। घटना के पूर्व मुनादी के माध्यम से ग्रामीणों को वन्यप्राणी जंगली हाथियों के गतिविधियों के बारे में सूचना दी जा रही थी एवं मृतक श्री अघनु अगरिया को परिसर रक्षक बगुडेगा द्वारा शाम को वन्यप्राणी जंगली हाथियों की आमद की सूचना एवं समझाइश दिया गया था। प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही वन परिक्षेत्राधिकारी लैलूंगा द्वारा नियमानुसार की जा रही है।
      धरमजयगढ़ वनमंडल का वन परिक्षेत्र लैलूंगा हाथी प्रभावित क्षेत्र है, उक्त घटना क्षेत्रों में जंगली हाथी विचरण की हाथी ट्रेकर्स के द्वारा हाथियों की लगातार ट्रैकिंग की जा रही है, जिसकी सूचना वाट्सअप गु्रप के माध्यम से तथा हाथी मित्र दल के माध्यम से वन क्षेत्र एवं आस-पास के गांव में मुनादी कराकर तथा लाउडस्पीकर के माध्यम से एवं वन कर्मचारियों द्वारा प्रतिदिन हाथियों के विचरण की सूचना ग्रामीणों को दी जाती है तथा ग्रामीणों को हाथी प्रभावित क्षेत्रों में अन्य कार्यों हेतु नहीं जाने की समझाइश प्रतिदिन दिया जा रहा है तथा समूचे वन परिक्षेत्र लैलूंगा के वन अमले को मानव हाथी द्वंद की रोकथाम हेतु हाई अलर्ट पर रहने के लिए निर्देशित किया गया है।

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