छत्तीसगढ़

रंग लाई स्कूल फिर चले अभियान की मुहिम4 हजार अप्रवेशी और ड्राप आउट बच्चे स्कूली शिक्षा से जुड़ेंजिला प्रशासन के नवाचार से बच्चों को मिला शिक्षा का अधिकार


बीजापुर नवम्बर 2024/sns/  जिले में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ीकरण और बच्चों को शाला से जोड़ने के जिला प्रशासन के अभिनव पहल स्कूल फिर चले अभियान को जिले में आशानुकूल सफलता मिली है। स्कूल वेंडे वर्राट पंडुम अभियान के जरिये जिले के 550 के गांवों में डोर टू डोर सर्वे कर 6 से 18 साल के 7 हजार बच्चों को शाला त्यागी और अप्रवेशी के रुप में बच्चों की पहचान की गई जिसमें से 6 से 14 वर्ष के 4 हजार बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा में जोड़ने में जिला प्रशासन को सफलता मिली है।
जिले की शैक्षणिक दशा राष्ट्रीय स्तर के अनुपात में कमजोर होने से यहां की आर्थिक सामाजिक तौर पर इसका सीधा असर पड़ा है। इसे दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने शत् प्रतिशत बच्चों को स्कूल से जोड़ने का महाअभियान प्रारंभ किया जिसे स्कूल वेंडे वर्राट पंडुम यानि स्कूल फिर चले अभियान नाम दिया गया है। इस अभियान के तहत् जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर समिति का गठन कर लगभग 600 दल के माध्यम से 2400 कर्मचारियों के जरिये 579 गांवों को सर्वे किया गया। सर्वे में 7 हजार से ज्यादा बच्चों की पहचान अप्रवेशी एवं शाला त्यागी के रुप में की गई जिन्हें विशेष अभियान चलाकर स्कूलों में प्रवेश देने की कार्रवाई की गई। शिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकताओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पंचायत सचिव की टीम बनाकर गांव-गांव में रैली आयोजित कर जागरुकता कैम्पेन चलाया गया साथ ही कलेक्टर की पाती और वेलकम किट भेेंट कर पालकों और बच्चों को आकर्षित किया गया। इस कैम्पेन के जरिये सामूहिक प्रयास से शिक्षा सत्र 2024-25 से 6 से 14 वर्ष की लगभग 4 हजार बच्चों को कक्षा पहली से कक्षा 8वीं में प्रवेश दिलाने में जिला प्रशासन कामयाब हो पाया। इस अभियान के जरिये माओवाद प्रभावित क्षेत्र के 20 सालों से बंद पड़े 28 स्कूलों को फिर से खोलने में सफलता मिली। जिसमें लगभग 1 हजार बच्चों को प्रवेश दिया गया।
इस अभियान का सकारात्मक असर यह रहा कि शिक्षा के प्रति ग्रामीणों मे नयी चेतना का संचार हुआ और शिक्षा व्यवस्था को स्थापित करने को लेकर ग्रामीण अब स्वयं स्कूल एवं शिक्षक की मांग करने लगे है।

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