छत्तीसगढ़

डायरिया नियंत्रण हेतु कलेक्टर ने अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ काम करने के दिए निर्देश

बलौदाबाजार ,26 जून 2024/sns/-डायरिया से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग के साथ शिक्षा पंचायत ,पेय जल एवं स्वच्छता,महिला बाल विकास विभाग,नगरीय निकाय,लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी को समन्वय बना कर कार्य करने। जल स्रोतों की सफाई ,उनका शुद्धिकरण तत्काल करने हेतु विभाग अपने संबंधित कर्मचारियों का जल्द ही उन्मुखीकरण करें। जोखिम समूह और ग्रामों पर विशेष निगरानी की जाए। दवाइयों की उपलब्धता मितानिन स्तर तक पर्याप्त रखी जाए। उक्त सभी निर्देश आज समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर दीपक सोनी ने डायरिया पर आयोजित उन्मुखीकरण में उपस्थित विभाग प्रमुखों को दिए है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया कि, वर्षा ऋतु आगमन के साथ ही जल जनित रोग में सर्वप्रथम डायरिया का प्रकोप अक्सर दिखाई पड़ता है। इस बाबत भारत सरकार के निर्देश पर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 1 जुलाई से 31 अगस्त तक स्टॉप डायरिया कैम्पेन का आयोजन किया जा रहा है। कैम्पेन में उक्त उल्लेखित विभाग मिल कर कार्य करेंगे जिससे डायरिया की रोकथाम की जा सके। इस कैम्पेन को कुल चार चरणों मे आयोजित किया जा रहा है जिसमें पहले चरण में मूल भूत तैयारियां सम्बंधित विभाग करेंगे। जैसे प्रचार -प्रसार,जिंक ओ आर एस की उपलब्धता, शौचालयों की सफाई,पूर्व में पीड़ित बच्चों की लाइन लिस्टिंग,जल की उपलब्धता तथा उपलब्ध जल का परीक्षण ,पानी की गुणवत्ता का आंकलन,कचरे का सही प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण कार्य कैम्पेन के प्रथम चरण में होंगे। ऐसे ही हर चरण के लिए विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है की 0-5 वर्ष तक के बच्चों में डायरिया मृत्यु का मुख्य कारण है। इसके शीघ्र पहचान और निदान से शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है । बच्चों में इस कारण होने वाली मौतों की रोकथाम हेतु ही यह कैम्पेन चलाया जा रहा है। डायरिया एक संक्रामक रोग है जो दूषित जल और खान पान से होता है । इसके संक्रमण से रोगी को लगातार पतला दस्त होता है जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है.बुखार भी रहता है एवं उल्टी भी हो सकती है। समय पर उपचार न लेने से जान भी जा सकती है। डायरिया से बचाव हेतु साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए दूषित जल और खान-पान से बचना चाहिए । भोजन ताज़ा और आवश्यकता होने पर जल उबाल कर पीना सही रहता है। पीड़ित होने पर ओ आर एस घोल एवं जिंक गोली दी जाए तथा तत्काल अस्पताल में संपर्क करना चाहिए।

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