सुकमा जिले के कोंटा विकास खंड अंतर्गत आने वाले गांव पुवर्ती में शासन – प्रशासन की मदद से राशन दुकान बन कर तैयार हो गया है जल्द ही इसका संचालन शुरू कर दिया जायेगा। शासन प्रशासन के पहुंच से कोसो दूर बसा यह गांव जहां के लोग दशकों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह रहे थे लेकिन अब शासन की इस अंदरूनी क्षेत्र में पकड़ बनते ही पुवर्ती गांव के लोगो को मूलभुत सुविधा मुहैया कराने में लगी है जिसका नतीजा है कि अब राशन दुकान बन कर तैयार है ग्रामीणों को अब राशन उनके ही गांव में उपलब्ध होगा।
गांव में राशन दुकान बनने से लंबी दूरी हुई कम
गांव में राशन दुकान नहीं होने के कारण यहां के ग्रामीण कई किलो मीटर पैदल चल कर दूसरे गांव में राशन लेने जाया करते थे लेकिन अब गांव में ही राशन दुकान बन जाने से चावल, गुड़, शक्कर, नमक व अन्य सामान गांव में ही उपलब्ध होंगे और ग्रामीणों को अब किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना करना नही पड़ेगा। इन सुविधाओं को पाकर ग्रामीण भी खुश है।
आखिर इतना खास क्यों है पुवर्ती गांव
सुकमा जिले के अंदरूनी व अतिसंवेदनशिल क्षेत्र में बसा गांव पुवर्ती इतना खास इसलिए है क्योंकि ये गांव नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना हुआ करता था।और एक करोड़ ईनामी नक्सली हिडमा व हाल ही में हुए टेकलगुड़ा कैंप निर्माण के दौरान हमले की घटना का मास्टरमाइंड देवा का पैतृक गांव होने के कारण यह गांव खास है।नक्सलियों के कब्जे में होने के कारण यहां अब तक शासन पहुंच नही पाई थी लेकिन पुवर्ती में कैंप खुलने के बाद से यहां मूलभूत सुविधाओं को गति दी गई है।
ग्रामीण पगडंडीयों का सहारा ले कर करते थे सफर
पुवर्ती से काफी दूर दूसरे गांव में राशन दुकान संचालित किया जाता था वहां तक पहुंचने के लिए खेतों के बीच पगडंडीयों के सहारे राशन दुकान तक का सफर तय करना पढ़ता था इस दौरान खाद्यन्न सामग्री एवं जरूरी सामान ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।लेकिन अब गांव में ही राशन दुकान बन जाने से इस समस्या से निजात मिलेगी ।