छत्तीसगढ़

पति का आकस्मिक निधन और गोद में दो वर्ष का बेटा

महिला दिवस पर पढ़िए महतारी वंदन योजना को लेकर श्रीमती राजलक्ष्मी की कहानी

रायपुर, मार्च 2024- महिला दिवस, प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को महिलाओं को समर्पित ऐसा दिवस जहां हम बात करते हैं महिला सशक्तिकरण की। महिला सशक्तिकरण जिसके ज़िक्र मात्र से ही महिलाओं के जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। महिलाएँ अपनी और अपने परिवार के  जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती हैं और परिवार तथा समाज में निश्चंद होकर रह सकती हैं। हमारे समाज में महिलाओं के वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना ही महिला सशक्तिकरण है।

‘मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन’

अभी प्रदेश में शासन की नीतियों से हर वर्ग को बेहतर लाभ मुहैया कराने की दिशा में कार्य कर रही है।छत्तीसगढ़ में अभी ‘मोदी की गारंटी और विष्णु का सुशासन’ की धेय से विकसित भारत बनाने के साथ विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के दिशा में कार्य कर रही है। जिसके लिए यहां की माताओं और बहनों का बड़ा योगदान है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए राज्य में महतारी वंदन योजना की शुरुआत की गई है। छत्तीसगढ़ में तीज-त्यौहारों और खुशी में महिलाओं को तोहफे, पैसे और नेग देने का रिवाज रहा है। महतारी वंदन योजना के माध्यम से उसी परम्परा का निर्वहन शासन कर रही है।

महतारी वंदन योजना के तहत राज्य में विवाहित महिलाओं को 1,000 रुपए प्रतिमाह (कुल 12,000 रुपए सालाना) वित्तीय सहायता दी जाएगी, जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य राज्य में महिलाओं के बीच लैंगिक भेदभाव, असमानता और जागरूकता के स्तर का बढ़ावा, महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन तथा उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार करना है।महिलाएं खुश है कि वो महतारी वंदन योजना से मिली राशि से अपने बच्चों और परिवार की छोटी-छोटी जरूरतें पूरी कर पाएगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय कहते हैं कि उनका प्रयास आने वाले पांच वर्षों में राज्य की जीडीपी को दोगुना करने का होगा। इसी लिए राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बजट में महतारी वंदन योजना के लिए 3,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
महतारी वंदन योजना के तहत आवेदन भरने के प्रथम चरण में लगभग 70 लाख  महिला हितग्राहियों की सूची जारी की जा चुकी है एवं इनका प्रकाशन आंगनबाड़ी केंद्रों एवं ग्राम पंचायत स्तर पर किया जा चुका है।

इसी योजना को शक्ल देती एक कहानी शंकर नगर में किराए के मकान में रहने वाली श्रीमती राजलक्ष्मी की है। इनका जीवन किसी संघर्ष और संवेदना से कम नहीं है। इनके पति का आकस्मिक स्वर्गवास शादी से तीन वर्ष बाद और आज से चार वर्ष पूर्व हो गया था। इनका पैतृक निवास अभानपुर में हैं जहां इनका परिवार खेती किसानी का कार्य करती है। जब पति का आकस्मिक देहांत हुआ तब मन मस्तिष्क की दशा व्यक्त कर पाना मुश्किल है। आगे पूरा जीवन है और दो वर्ष का पुत्र भी लेकिन राजलक्ष्मी इन सभी दुखों का सामना करते हुए अपने अध्ययन के दम पर रायपुर आयीं और किराए के मकान में रहकर निजी अस्पताल में नर्स की नौकरी करने लगी। वे कहतीं हैं कि पति के जाने के बाद पूँजी के रूप में उसके पास केवल उनका दो वर्ष का पुत्र था और ख़ुद की नर्सिंग शिक्षा जिसके बल पर वह शहर आयीं और जीवन को दूसरे नजरियें से जीना प्रारंभ करीं। श्रीमती राजलक्ष्मी कहती हैं कि मेरी आमदनी केवल मेरे घर खर्च और मेरे बेटे की देखभाल तक सीमित है लेकिन महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि को मैं भविष्य निधि के लिए राष्ट्रीय बैंक के लाभप्रद योजना में निवेश करूँगी जिससे की बेटा जब बड़ा हो तब उसके शिक्षा और भविष्य निर्माण में खर्च कर सकूँ।महतारी वंदन योजना से प्राप्त होने वाली राशि बेशक छोटी है लेकिन मुझ जैसे अनेक माताएँ हैं जिनके जीवन में यह बहुत बड़ी ख़ुशियाँ लेकर आयेंगी। मैं शासन को इसके लिए धन्यवाद देती हूँ।

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