छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने औषधीय पौधों की खेती के लिए बैगा आदिवासियों को किया प्रोत्साहित

*औषधीय पौधों के हब के रूप में विकसित होगा ग्राम चिकिनियाटोला*

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, फरवरी 2024/ बैगा आदिवासियों के बेहतर आय और रोजगार सुनिश्चित करने के लिए गौरेला विकासखंड के ग्राम चिकिनियाटोला को औषधीय पौधों के हब के रूप में विकसित किया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया आज ग्राम चिकिनियाटोला में पहुंचकर बैगा आदिवासी परिवारों से बातचीत की और उन्हें औषधीय पौधों की खेती करने प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों के मामले में इस ग्राम को मॉडल ग्राम बनाया जाएगा। यहां पानी की पर्याप्त सुविधा है, वनाधिकार पट्टों वाली भूमि  में फेंसिंग भी कराया गया है। उन्होंने बैगा आदिवासियों से कहा कि जिले के जलवायु और मिट्टी औषधीय पौधों के लिए उपयुक्त है, धान के अलावा औषधीय पौधों की भी खेती जरूर करें, इससे अच्छी आमदनी होगी। जितनी भी दवाईयां बनती है उनमें औषधीय पौधों का ही उपयोग होता है।

         कलेक्टर ने कहा कि औषधीय उत्पादांे को बेचने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ेगा, खरीदार आपके खेतो तक आयेंगे। उन्होंने कहा कि जिले के ग्राम पथर्रा में भी औषधीय पौधों का रोपण हुआ है, इसका एक बार विजिट जरूर करे। उन्होंने औषधीय पौधा लेमन ग्रास के फायदे बताए और किसानों को लेमन ग्रास की खेती करने प्रोत्साहित किया। किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए सही दिशा में मेहनत करना जरूरी है। आपस में प्रतिस्पर्धा की भावना होनी चाहिए। 

         विभागीय अधिकारी ने बताया कि लेमनग्रास के खेती से एक एकड़ में से 60 से 80 लीटर तेल प्राप्त कर सकते है और जिससे लगभग 80 हजार रुपए आमदनी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि ग्राम में 80 एकड़ भू-क्षेत्र में लेमन ग्रास उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए पादप बोर्ड द्वारा निशुल्क बीज भी उपलब्ध कराया जा रहा है साथ ही छह माह तक आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन दिया जाएगा। ग्रामीणों को औषधीय पौधों-सर्पगंधा, सतावर, लेमन ग्रास, गिलोय सहित विभिन्न पौधों कि कृषि, महत्व, उपयोग और उससे होने वाली आमदनी के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती नम्रता आनंद डोंगरे, जनपद पंचायत सदस्य पवन पैकरा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक, एसडीएम गौरेला अमित बेक, जनपद पंचायत सीईओ श्री एच. एल. खोटेल सहित विभागीय अधिकारी और बैगा आदिवासी मौजूद रहे।

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