रायगढ़, जनवरी 2024/ किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास के साथ-साथ परिश्रम, त्याग और समर्पण होना बहुत आवश्यक है। युवाओं को स्वामी विवेकानंद और इतिहास में सफल विभूतियों की जीवन-शैली को अपनाना चाहिए। युवा असफलता से न घबराएं अपितु यह जान लें कि असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी होती है। उपरोक्त बातें वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी ने स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती सप्ताह के पावन अवसर पर जिला प्रशासन एवं खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शासकीय बद्री नारायण बागडिय़ा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नेवरा में आज आयोजित युवा महोत्सव में कही।
इसी तरह राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कार्यक्रम में युवाओं का उत्साहवर्धन करते हुए स्वामी विवेकानंद जी के सूत्रवाक्य उठो, जागो और तब तक चलते रहो जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो को युवाओं को अपने व्यवहार में अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं। कोई भी कार्य या लक्ष्य असंभव नहीं, यदि हम ठान लें। आमजनों को प्रदेश के विकास में मिलजुलकर कार्य करना होगा। इस अवसर पर उन्होंने विकसित प्रदेश निर्माण की दिशा में सभी की समान सहभागिता सुनिश्चित करने का आव्हान किया।
इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष लेमिक्षा गुरु, नगरपालिका उपाध्यक्ष श्री विकास सुखवानी, जनपद सभापति श्री शिवशंकर वर्मा और सरजा ठाकुर राम वर्मा, अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री विश्वदीप, एसडीएम श्री प्रकाश कुमार टंडन, प्राचार्य श्री राजेश चंदानी, छात्र-छात्राएं, पालकगण सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।
युवा महोत्सव में प्रतिभाओं एवं प्रतिभागी युवा कलाकारों का हुआ सम्मान
युवा महोत्सव के इस अवसर पर व्यवहार न्यायाधीश वैशाली बघेल, राष्ट्रीय खेल प्रतिभा हेतु राजेन्द्र वर्मा, सौरभ वर्मा, धनंजय गेन्द्रे, करन यादव, मानसी वर्मा, भारती गिड़लानी, रुचिका देवांगन सहित 42 युवा प्रतिभाओं को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तथा मित्र मानस परिवार तिल्दा, लोककला मंच रंगसिंगार संदीप यदु,बाँसगीत सगुनी सहित युवा कलाकारों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में काव्यपाठ से श्रोता हुए गदगद
युवा महोत्सव के इस कार्यक्रम में कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। इसमें पंडित सुन्दरलाल शर्मा पुरस्कार से सम्मानित श्री मीर अली मीर, वीर रस के कवि द्वय श्री देवेंद्र परिहार मुंगेली व कवि श्री महेंद्र बेजुबाँ ने अपने काव्यपाठ से उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
