छत्तीसगढ़

*अनुसूचित क्षेत्र के रेत खदानों के संचालन का अधिकार अब पंचायतों को*

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 17 मई 2023/ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 19 जनवरी को जारी अधिसूचना द्वारा अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत आने वाले रेत खदानों के संचालन का अधिकार अब पंचायतों को दिया गया है। ग्राम पंचायत द्वारा रेत खदान संचालन के लिए नक्शा खसरा सहित आवेदन प्रारूप में एक हजार रूपए आवेदन शुल्क (गैर वापसी योग्य), के साथ कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा), गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में प्रस्तुत कर सकते है। इसके लिए ग्राम सभा का पूर्व अनुमोदन अनिवार्य है। प्राप्त आवेदनों को जिला स्तरीय समिति द्वारा रेत खनन क्षेत्र का चिन्हांकन कर समस्त निरीक्षण प्रतिवेदन लिये जाने के पश्चात कलेक्टर द्वारा घोषित किया जाएगा तथा उसे विशिष्ट नाम दिया जाएगा।               खदान घोषित किये जाने के 15 दिवस के भीतर संबंधित पंचायतों को 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर या उसके किसी भाग के लिए कार्यपालन प्रतिभूति राशि चालान के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा तत्पश्चात् कलेक्टर द्वारा आशय पत्र जारी किया जाएगा। संबंधित पंचायत को 1 वर्ष के भीतर अनुमोदित उत्खन्न योजना, पर्यावरण स्वीकृति, अन्य आवश्यक सहमति और अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। सभी अनिवार्य शर्तों को पूरा करने के पश्चात् 5 वर्षों के लिए रेत खदान हेतु पट्टा प्रदान किया जाएगा। पट्टा प्राप्त होने पर 90 दिवस के भीतर अनुबंध कराया जाएगा। पंचायतों को निर्धारित रेत रायल्टी, उच्चतम निर्धारित मूल्य प्रति घनमीटर की दर से सीधे पंचायत राज के शीर्ष में, 10 प्रतिशत डीएमएफ की राशि, पर्यावरण एवं विकास उपकर और टीसीएस की राशि संबंधित खातों में जमा कर चालान खनिज शाखा में प्रस्तुत करने पर रेत परिवहन हेतु अभिवहन पास जारी किया जाएगा।             यदि ग्राम पंचायतें रेत खदानों का संचालन करने में रूचि नहीं लेते हैं तो उसी पंचायत के यथा स्थान पंजीकृत स्व सहायता समूह अथवा स्थानीय बेरोजगार को कोऑपरेटिव सोसायटी द्वारा रेत खदान संचालन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जा सकेगा। इसके लिए ग्राम सभा का अनुमोदन भी आवश्यक होगा। इस प्रकार आवेदन प्राप्त होने पर जिला कलेक्टर, जिला कार्यालय एवं जिला स्तरीय समिति के माध्यम से आवेदन पर विचार करने के पश्चात् उन्हें खदान संचालन हेतु अधिकृत करेंगे। बिना विधिमान्य प्राधिकार के रेत खदानों से या अन्य क्षेत्रों से अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डारण करने पर खान एवं खनिज अधिनियम के प्रावधानों के तहत की कार्रवाई की जाएगी। 

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