छत्तीसगढ़

*मजदूर मन के सम्मान म, अधिकारी-कर्मचारी बोरे-बासी खाईन, चटनी अउ आमा अथान म*

– बोरे-बासी खा के कलेक्टर कहीस अब्बड़ सुघ्घर लागथे

– ग्राम पंचायत सुंदरा में कलेक्टर सहित अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों ने खाया बोरे बासी

राजनांदगांव 01 मई 2023। मजदूर दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत सुंदरा में कलेक्टर श्री डोमन सिंह , जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कुमार सहित अन्य अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों ने बोरे-बासी खाया। कलेक्टर ने बोरे-बासी के साथ आम की चटनी खाकर बोरे-बासी का स्वाद लिया और अपने बचपन के दिनों को याद किया। कलेक्टर श्री डोमन सिंह जो स्वयं ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े हैं। वे गांव के रहन-सहन, खान-पान से बचपन से मुखातिब होते आए हैं। आज श्रमिक दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत सुंदरा पहुंचकर मजदूरों के संग बोरे-बासी चटनी खाये। कलेक्टर ने अपने छात्र जीवन को याद किया और बताया कि गांव में रहते हुए चटनी बासी खाते थे, उस दौर में चटनी बासी खाने का प्रचलन रहा था। गुजरते समय के साथ आज लोग इससे बोरे-बासी खाने से दूर होते चले जा रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि बोरे बासी खाने का एक अलग ही स्वाद और आनंद है। बोरे-बासी खाने से आत्म संतुष्टि और सेहतमंद शरीर बनाने में मदद मिलता है। कलेक्टर ह छत्तीसगढ़ी म मजदूर मन संग बात करके उकर सुख-दुख ल पुछिस।

बटकी में बासी अउ चुटकी म नून मे गावत हव ददरिया, ते कान दे के सुन…. टुरा परबुधिया होटल म भजिया झड़कथे-

यह गीत केवल एक गीत ही नहीं है, सही मायने में यह एक प्रेरितकारी संदेश है। गाने के बोल हमें बोरे-बासी खाने के फायदे बताता है। अगली पंक्ति में एक लड़का दूसरे की बात में आकर बोरे-बासी को छोड़कर होटल में भजिया खाने चला जाता है, उल्लेखित किया गया है। जिसका अर्थ है कि चटनी बासी खाने से जो आनंद और सुख एवं शरीर को लाभ मिलता है, वह होटल के भजिया खाने से नहीं मिलता हैं। धीरे-धीरे यह बात लोगों की समझ और परख में आ रही है। लोग अपने परंपरागत भोजन बोरे-बासी से जुड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर समूचा छत्तीसगढ़ बोरे-बासी खाने की परंपरा से जुड़ रहा है। एसडीएम श्री अरूण वर्मासहित अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और आम नागरिक सभी इस मुहिम में जुड़कर श्रमिकों को सम्मान दे रहे हैं।

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