मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि के अंतर्गत जिले के सभी ग्राम पंचायतों को 5-5 हजार रूपए हस्तांतरित की
- कलेक्टर और जनप्रतिनिधि वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में हुए शामिल
मोहला 20 अप्रैल 2023। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना की तर्ज पर राज्य के गैर-अनुसूचित क्षेत्रों के लिए मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री एस जयवर्धन वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 13 अप्रैल को बस्तर में आयोजित भरोसा सम्मेलन में मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना का शुभारंभ किए थे। इन योजनाओं का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की पारंपरिक तीज त्यौहारों, मड़ई, मेलों को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ी को छत्तीसगढ़ी संस्कृति से अवगत कराने और इन परंपराओं को जीवंत बनाए रखना है। इन योजनाओं के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों को दो किस्तों में कुल 10 हजार रूपए जारी किए जाएगें। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि के अंतर्गत जिले के सभी 185 ग्राम पंचायतों को प्रथम किश्त के रूप में 5-5 हजार रूपए के मान से 9 लाख 25 हजार रूपए हस्तांतरित की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में यहां की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का काम अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य में तीजा, हरेली, भक्तिन महतारी कर्मा जयंती, मां शाकंभरी जयंती (छेरछेरा), छठ और विश्व आदिवासी दिवस जैसे पर्वाे पर सार्वजनिक अवकाश दिया जा रहा है। राज्य शासन की यह भावना है कि तीज-त्यौहारों के माध्यम से नयी पीढ़ी अपने पारंपरिक मूल्यों से संस्कारित हो और अपनी संस्कृति पर गौरव का अनुभव करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, युवा महोत्सव, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक, बासी-तिहार जैसे आयोजनों के पीछे भी हमारा यही उद्देश्य है। लोक-संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से ही देवगुड़ियों और घोटुलों के विकास का काम भी किया जा रहा है। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित वर्चुअल शुभारंभ कार्यक्रम में जिला नोडल अधिकारी ग्रामीण पंचायत एवं विकास विभाग श्री हेमंत ठाकुर, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्री श्रीकांत दुबे, जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं गणमान्य नागरिक जुड़े रहे।