छत्तीसगढ़

एसएनसीयू में 28 हफ्ते से पहले पैदा हुए बच्चे की बचाई गई जान

-बच्चे को 47 दिन एसएनसीयू में इलाज कर किया डिस्चार्ज

दुर्ग, फरवरी 2023/ 28 हफ्ते से कम व 1 किलो से कम बच्चों को बचाना एसएनसीयू (न्यू बॉर्न स्पेशल केयर यूनिट) के लिए हमेशा चुनौती पूर्ण रहा है। इस वर्ष अप्रैल 2022 से अभी तक 3 बच्चों को बचाया गया व फोलाअॅप में आज तक वे स्वस्थ्य है। एक और अत्यधिक कम समय व वजन के बच्चे को एसएनसीयू में बचाया गया। ग्राम कुरूद जिला दुर्ग के निवासी सतीश साहू की नवजात शिशु रानू को 27 जनवरी को 47 दिन के होने पर डिस्चार्ज किया गया। 13 दिसंबर 2022 को एसएनसीयू में अत्यधिक कम वजन, साँस लेने में तकलीफ, शरीर में नीलापन की वजह से भर्ती किया गया था। शुरू के 7 से 10 दिन तक सीपीएपी मशीन व नली द्वारा दूध पिलाकर व वार्मर में गर्म रखकर ईलाज किया गया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. किरण कुमार और एनआरएचएम के स्टॉफ नर्सों द्वारा लगातार मॉनिटरिंग व उचित ईलाज की वजह से बच्चे के स्वास्थ्य में लगातार सुधार होता रहा। एसएनसीयू प्रभारी डॉ. आर.के. मल्होत्रा शिशु रोग विशेषज्ञ की देखरेख में इस बच्चे का ईलाज चल रहा था।
चूंकि इस बच्चें की माँ, बच्चे की अच्छी देखभाल कर रही थी और पिछले एक सप्ताह में वजन बराबर बढ़ने की वजह से बच्चे को डिस्चार्ज किया गया। बच्चे को केवल माँ का दूध कटोरी चम्मच से पिलाने, कंगारू मदर केयर द्वारा गर्म रखने, साफ सफाई का ध्यान रखने, सिर के बाल न उतारने, नाभि में कुछ न लगाने, कान में तेल न डालने, छः माह तक केवल माँ का ही दूध पिलाने, यदि बच्चा सुस्त लगे, झटके आने पर, दूध न पीने पर, बच्चे का रंग पीला या नीला दिखने पर एवं अन्य देखभाल के साथ शरीर का तापमान ठंड या अधिक गर्म लगने पर तुरंत एसएनसीयू मेंं लाने की सलाह के साथ डिस्चार्ज किया गया।

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