छत्तीसगढ़

प्राकृतिक खेती पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

कवर्धा, जनवरी 2023। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में कृषि विज्ञान केन्द्र में 27 जनवरी 2023 को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.पी. त्रिपाठी ने कृषकों को वर्तमान में किए जा रहे कीटनाशकों, रासायनिक उर्वरको एवं अन्य रासायनों जैसे खरपतवारनाशी के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मृदा में निरंतर कार्बनिक तत्व की कमी होती जा रही है तथा लाभकारी सुक्ष्मजीव एवं केंचुआं आदि की संख्या भी लगातार घटती जा रही है। वर्तमान कृषि पद्धति के दुष्प्रभावों को कम करने हेतु प्राकृतिक खेती अपनाने की सलाह किसानों को दी गई।
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में लागत कम होती है। भूमि, वायु, जल में होने वाले प्रदूषण को प्राकृतिक खेती अपनाकर कम किया जा सकता है। प्राकृतिक खेती करने से प्राप्त होने वाले उत्पाद गुणवत्तापूर्ण होते है। प्राकृतिक खेती में मुख्य रूप से गौ आधारित उत्पाद जैसे बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत एवं नीमाशास्त्र आदि का उपयोग किया जाता है। प्रशिक्षण में कृषकों को बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत एवं नीमाशास्त्र आदि बनाने की प्रायोगिक जानकारी दी गई। प्रशिक्षण उपरांत प्रतिभागियों को कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रक्षेत्र नेवारी में रबी फसल क्रॉप कैफेटेरिया गेहूं के अगेती किस्म 15 एवं पछेती किस्म 10, चना 5, तिवड़ा 2, अलसी 3, सरसों 1, गन्नें के 6 किस्मों का अवलोकन कराया गया एवं बीजोत्पादन कार्यक्रम अंतर्गत चना, गेहूं की उन्नत किस्मों अवलोकन कृषको द्वारा किया गया साथ ही केन्द्र में स्थापित समन्वित कृषि प्रणाली अंतर्गत मशरूम उत्पादन इकाई, पशुपालन इकाई, बटेर पालन इकाई, कड़कनाथ पालन इकाई एवं मछली सह बत्तख पालन इकाई का अवलोकन एवं उन्नत तकनीक की जानकारी कृषकों दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *