छत्तीसगढ़

विभिन्न पंचायतों में शिविर लगाकर हाथीपांव मरीजों को दी गई प्रशिक्षण

अम्बिकापुर, दिसंबर 2022/ मुख्य चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला मलेरिया अधिकारी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मुलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के सभी विकासखण्ड में फाईलेरिया (हाथीपांव) मरीजों का एमएमडीपी प्रशिक्षण एवं एमएमडीपी किट प्रदान किया जा रहा है। हाईड्रोसील मरीजों का आपरेशन मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीतापुर, लखनपुर एवं उदयपुर में किया जा रहा है।
इसी कड़ी में गुरूवार को ग्राम पंचायत खरबार, असोला, देवगढ़, परसा, भकुरा, हसुली, नर्मदापारा एवं कंचनपुर में शिविर लगाकर हाथीपांव मरीजों को रोग प्रबंधन प्रशिक्षण दिया गया। हाथीपांव के कुल 35 मरीजों को प्रशिक्षण पश्चात् रोग प्रबंधन किट प्रदाय किया गया ताकि घर में रहकर क्षतिग्रस्त अंगों की देखभाल हो सके एवं मरीजों को राहत मिल सके।
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल जिला मलेरिया अधिकारी श्री राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि फाईलेरिया एक गंभीर बीमारी है, यह संक्रमित मच्छर (क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रभाव शरीर के किसी भाग में सूजन, हाइड्रोसील तथा हाथीपांव के रूप में प्रकट होता है। फाईलेरिया को हाथीपांव भी कहा जाता है। इसका प्रभाव सभी आयु वर्ग में हो सकता है। इस बीमारी में शरीर का लिम्फेटिक सिस्टम क्षतिग्रस्त हो जाता है। यदि समय रहते ईलाज नहीं किया जाये तो यह संक्रमण बढ़ जाता है जिसके कारण शरीर के अंग असमान्य रूप से बढ़ने लगते है।

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