छत्तीसगढ़

*बाढ़ से निपटने हेतु बाढ़ आपदा प्रशिक्षण के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति*

प्रशिक्षण के तहत मॉक एक्सरसाइज के लिए 6 स्थलों का चयन

मॉक एक्सर्साइज के संबंध में अपर कलेक्टर ने ली बैठक

गौरेला पेंड्रा मरवाही, नवंबर 2022/ छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन रायपुर द्वारा बाढ़ से निपटने हेतु जारी दिशा निर्देशों के तहत कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिला आपत कालीन संचालन केंद्र की स्थापना के साथ ही बाढ़ आपदा प्रशिक्षण (मॉक एक्सर्साइज) के लिए प्रभारी अधिकारी और मॉक एक्सर्साइज के लिए 6 स्थलों का चयन कर नोडल अधिकारियों एवं परिवेक्षकों की नियुक्ति की है। मॉक एक्सर्साइज के लिए चयनित स्थानों में नार्सिग कॉलेज मेढ़ुका, नगर पंचायत कार्यालय पेंड्रा, गुरूकुल छात्रावास गौरेला, शासकीय हाई स्कूल मेढुका, मलनिया बांध एवं जिला आपतकालिन संचालन केंद्र कलेक्ट्रेट शामिल है।
अपर कलेक्टर श्री बीसी एक्का ने आज कलेक्ट्रेट में विभिन्न विभागों जिला अधिकारियो की बैठक लेकर मॉक अभ्यास के बारे में बताया। मॉक एक्सेरसाइज में 5 साइट स्थितियो का अभ्यास किया जाएगा। इसमें पहली सिचुएशन प्रोफाइलैक्टिक इवेक्युएशन है। इसके लिए न्यूनतम 100 लोगों की भीड़ चाहिए, इन्हें उस स्थल से दूसरे स्थल तक ले जाने के लिए दो-तीन बसों की जरूरत पड़ेगी। हर बस में ड्राइविंग और असिस्टेंस के लिए न्यूनतम दो-दो व्यक्ति की जरूरत पड़ेगी। बाढ़ग्रस्त गांव, मेले की भगदड़, भूकंप की सूचना जैसा ट्रिगर मिलने पर न्यूनतम 100 लोगों को उस स्थान से हटाने की प्रैक्टिस की जाएगी।
दूसरी सिचुएशन, सर्च एंड रेस्क्यू है। इसके तहत बाढ़ जैसी स्थिति में छत पर कुछ लोग फंसे हुए हैं उन्हें निकालने का अभ्यास किया जाना है. इसके लिए हमें छत चाहिए होगी, जहां लगभग 20 लोग खड़े रह सके. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ या होमगार्ड के व्यक्ति लकड़ी या रस्सी की सीढ़ियों आदि की मदद लेंगे. और लोगों को वहां से निकालेंगे। उपस्थित लोगों को मौखिक रूप से बताना है कि वास्तविक स्थिति में हेलीकॉप्टर भी आ सकेगी।
तीसरा साइट, स्टेजिंग एरिया है इसके तहत आपदा की स्थिति में बाहर से मदद के लिए आए रिस्पांडर कहां एकत्रित होंगे, यह एरिया निर्धारित करना है। गाड़ियों की पार्किंग, लोगों की गैदरिंग, सैनिटेशन, हाइजीन, पेयजल, बिस्किट आदि भोजन, वे इन और वे आउट, आदि की व्यवस्था बताने हेतु डिस्प्ले पेपर लगाने होंगे।
चौथा साइट, रिलीफ कैंप है इसके तहत बसों से लाए गए लोगों को कुछ देर ठहराने के लिए किसी एक भवन, हॉल या एरिया की जरूरत पड़ेगी। यहां भी स्त्री, पुरुष, बीमार के लिए अलग-अलग कोना या एरिया निर्धारित करने के लिए पेपर लगाने होंगे। दिव्यांगजनों की मोबिलिटी सुनिश्चित करने के साधन होंगे। लोगों की गैदरिंग, सैनिटेशन, हाइजीन, पेयजल, बिस्किट आदि भोजन, वे-इन और वे-आउट, क्लोरीन की गोलियां, ओआरएस के पाउडर, कुछ आवश्यक दवाइयां, आदि की व्यवस्था बताने हेतु डिस्प्ले पेपर लगाने होंगे।
पांचवी साइट कोई डेम, तालाब, नदी, नहर जहां तैराकों या बोटिंग की मदद से लोगों को निकालने की अभ्यास की जाएगी. किसी उद्योग का भी चयन किया जा सकता है, जहां केमिकल के अप्रत्याशित फैलाव का डिजास्टर की कल्पना भी की जा सकती है। जहां केमिकल प्रूफ सूट के साथ एनडीआरएफ के लोग फंसे लोगों को निकालेंगे।

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