65000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को जैविक करने की अनुशंसा
दंतेवाड़ा, अक्टूबर 2022। जिला संयुक्त कार्यालय के शंखिनी सभाकक्ष में आज वृहद क्षेत्र जैविक प्रमाणीकरण के क्रियान्वयन हेतु गठित विशेषज्ञ समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पावर पाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से परम्परागत कृषि से संबंधित एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु किये गए प्रयासों को समिति के समक्ष रखा गया। बैठक समिति के द्वारा बैठक के पूर्व दिवस को चयनित ग्रामों का भ्रमण किया गया। जिसमें कृषकों से चर्चा कर जैविक कृषि की जानकारी ली गई।
डॉ. अय्याज फ. तांबोली, संचालक कृषि एवं विशेष सचिव छ.ग. शासन की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति के बैठक में कलेक्टर श्री विनीत नंदनवार सहित समिति के सदस्य उपस्थित रहे। वर्चुअल रूप से निदेशक एनसीओएनएफ भारत सरकार, डॉ गगनेश शर्मा, सलाहकार कृषि मंत्रालय भारत सरकार डॉ. अशोक यादव, अपेडा, भारत सरकार के श्री सौरभ अग्रवाल, श्री अशोक वोरा, जुड़े रहे। भारत सरकार के अनुमति के पश्चात् दन्तेवाड़ा के 110 गांव में 65000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र वृहद क्षेत्र प्रमाणीकरण के रूप में भारत का सबसे बड़ा क्षेत्र होगा।
संचालक कृषि एवं विशेष सचिव छत्तीसगढ़ शासन डॉ. अय्याज फ. तांबोली ने कहा कि कई वर्षों के प्रयास से आज जिला जैविक खेती की ओर निरंतर बढ़ रहा है। उत्पादकता वृद्धि के साथ अब स्टोरेज, पैकेजिंग और प्रोसेसिंग करने से बाजारों में उत्पादों की अच्छी मांग होगी। छ.ग. शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा घुरवा बाड़ी किसानों को परम्परागत कृषि की ओर ले जाने एवं जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचाने के लिये मील का पत्थर सिद्ध होगा। कलेक्टर श्री विनीत नंदनवार ने कहा कि इस लंबी प्रक्रिया में सभी का प्रयास और मार्गदर्शन रहा है। हमारे जैविक उत्पादों को बेहतर बाजार मिले, इसके लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। जैविक प्रमाणीकरण के बाद कृषकों को अपनी उपज के लिये एक बड़ा बाजार मिल पायेगा।
उपस्थित सदस्यों द्वारा शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी की प्रशंसा करते हुए देश एवं राज्यों में जैविक एवं प्राकृतिक खेती हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कृषकों को जैविक खेती से लाभान्वित करने की जानकारी प्रदान की गई। समिति द्वारा जैविक खेती एवं वृहद क्षेत्र प्रमाणीकरण हेतु विभिन्न सुझाव प्रदान किये गये। समिति के सदस्यों द्वारा क्षेत्र का भ्रमण एवं कृषकों से चर्चा की गयी। स्थानीय परिस्थितियों से संतुष्ट होने के पश्चात जिला दन्तेवाड़ा के चिन्हांकित क्षेत्र को जैविक प्रमाणीकरण हेतु उपयुक्त पाया जाकर एक मत होते हुए जैविक प्रमाणीकरण प्रदान करने की समिति के द्वारा अनुशंसा की गई। भारत सरकार के प्रतिनिधि एवं क्षेत्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केन्द्र जबलपुर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अजय सिंह राजपूत ने समिति के साथ सभी पहलुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा कर तकनीकी एवं व्यवहारिक बिन्दुओं पर मार्गदर्शन प्रदान किया। इस अवसर पर समिति के सदस्यों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
बैठक में सेंटर फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर हैदराबाद से डॉ. जी. राजशेखर, मिस पी. चन्द्रकला एवं समिति सदस्य सचिव बीज प्रमाणीकरण एवं जैविक प्रमाणीकरण संस्था रायपुर के प्रबंधक संचालक श्री ए.बी. आसना, संचालक पशु चिकित्सा रायपुर अपर संचालक डॉ. के.के. ध्रुव, उप संचालक उद्यान श्री मनोज अम्बस्ट, सी.जी. सर्ट क्वालिटी मैनेजर श्री राजेन्द्र कुमार यादव, उप संचालक मत्स्य श्री डी. के. सिंह कृषि विभाग संयुक्त संचालक कृषि श्री एम.डी. एव. इंदिरा गांधी कृषि महाविद्यालय रायपुर डीन कृषि महाविद्यालय श्री रघुनाथ सिंह नेताम श्री सतीश अवस्थी, सहायक संचालक कृषि, संचालनालय कृषि, श्री आकाश बड़ावे भूमगादी एवं जिले से संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।