डेंगू, मलेरिया से बचाव के लिए प्राथमिकता से करें फॉगिंग सुकमा, सितंबर 2022/ जिले में लगभग 70 प्रतिशत गिरदावरी कार्य पूर्ण हो चुकी है। शेष गिरदावरी कार्य को गुणवत्ता पूर्ण और निर्धारित समय के पहले पूर्ण करने के निर्देश कलेक्टर श्री हरिस. एस ने समस्त तहसीलदार को दिए। उन्होंने धान के बदले अन्य फसल, कोदो कुटकी, रागी आदि फसलों की गिरदावरी में कम दर्ज आंकड़े के संबंध में डीडी कृषि विभाग से जानकारी लेते हुए टीएल बैठक में गलत जानकारी उपलब्ध कराने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा बताए गए क्षेत्राच्छादन आंकड़े के विरुद्ध गिरदावरी के दौरान बहुत कम रकबे में धान के बदले अन्य फसल, कोदो, कुटकी, रागी, आदि की फसल कृषकों द्वारा ली गई है। कृषकों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत राशि प्रदान की जाती है, आंकड़े गलत होने पर कलेक्टर ने डीडी कृषि विभाग को फटकार लगाते हुए कहा कि गिरदावरी पूर्ण होने पर आंकड़े मेल नहीं खाने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।
आज समय सीमा की बैठक में कलेक्टर श्री हरिस. एस ने गोधन न्याय योजना, स्वास्थ्य विभाग, निर्माण कार्यों, जल जीवन मिशन, वन अधिकार मान्यता पत्र वितरण आदि सभी कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत सीजीएमएससी द्वारा किए जा रहे भवन निर्माण कार्यों की धीमी कार्य प्रगति के प्रति असंतोष जताया। जल जीवन मिशन अंतर्गत सोलर आधारित शेष कार्यों का कार्यादेश जारी करते हुए शीघ्र कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। पीएम सम्मान निधि में पंजीयन हेतु शेष कृषकों का शीघ्र पंजीयन कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही केसीसी निर्माण की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा की सहकारी बैंक का मुख्य उद्देश्य कृषकों को वित्तीय लाभ पहुंचाना है, अतः प्राथमिकता से केसीसी बनाए और कृषकों को योजनाओं के तहत ऋण प्रदाय करे।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने डेंगू, मलेरिया के संबध में जानकारी ली। उन्होंने कहा की फॉगिंग से दोरनापाल में प्रकरणों में कमी आई है, सुकमा और कोंटा में भी प्राथमिकता के साथ नियमित रूप से फॉगिंग का कार्य करे। इसके साथ ही मलेरिया की टेस्टिंग दर बढ़ाएं, जिससे अधिक लोगों का चिन्हांकन हो, उनका सही उपचार किया जाए और जिले को मलेरिया से निजात मिले। एनीमिया जांच के संबंध में समीक्षा कर उन्होंने चरणबद्ध तरीके से स्कूली बच्चों, महिलाओं, ग्राम पंचायत का चिन्हांकन कर 18 से अधिक उम्र के सभी ग्राम वासियों की जांच किए जाने के निर्देश सीएमएचओ एवं प्रभारी अधिकारी को दिए। इसके साथ ही स्कूलों में बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही दवाओं की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए है।