छत्तीसगढ़

गोधन न्याय योजना गौठान में आजीविका गतिविधियों पर करें फोकस: श्री तारन प्रकाश सिन्हा

जांजगीर-चांपा, कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने मंगलवार को गोधन न्याय योजना की जनपद पंचायत एवं नगरीय निकायवार की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि एनजीजीबी योजना के माध्यम से जो गौठान बनाए गए है उनसे महिला स्व सहायता समूहों, ग्रामीणों की बेहतर आजीविका संवर्धन हो सके और वे आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें इसके लिए कार्य किया जाए। उन्होंने रेशम विभाग, मछली पालन विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, पशुपालन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे मिलकर गौठानों में आजीविका गतिविधियों का संचालन करें। बैठक में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ फरिहा आलम मौजूद रहीं।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि गौठान से समूहों की आजीविका बेहतर की जा सकती है। गौठान में सब्जी-बाड़ी लगाने के लिए पर्याप्त स्थान है, तो वहीं दूसरी ओर तालाब, डबरी में भरपूर पानी होने से मछलीपालन का कार्य किया जा सकता है जिससे समूहों के लिए आजीविका की बेहतर संभावनाएं बन सकेंगी। उन्होंने कहा कि गौठान में केला, पपीता, गेंदा के अलावा फूलवारी का कार्य किया जा सकता है, जिससे महिला स्व सहायता समूहों को जोड़कर उन्हें आमदनी के साथ बेहतर रोजगार मिलने लगेगा। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है इसलिए तालमेल करते हुए गोधन न्याय योजना को पूरे प्रदेश में बेहतर बनाएं और जिले का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि गौठान में निर्माण के जो कार्य स्वीकृत किये गये हैं उन्हें पूर्ण किया जाए। गौठान में समूहों के लिए शेड, बिजली व्यवस्था की जाए ताकि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न आए।
गौठानों में बनाएं प्रदर्शन केन्द्र
उन्होंने कहा कि गौठान में कृषि विभाग, उद्याानिकी विभाग, रेशम विभाग, पशुपालन विभाग अपने-अपने प्रदर्शन केन्द्र तैयार करें ताकि ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके और वे इन प्रदर्शन केन्द्रों के माध्यम अपने खेत, बाड़ी, पशुओं की देखभाल बेहतर कर सकें। उन्होंने कहा कि गोबर की खरीदी नियमित रूप से की जाए। इसमें किसी तरह की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिस भी गौठान में गोबर की खरीदी कम होगी तो संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि रवि फसल के लिए गोबर से बनने वाले खाद की जरूरत होगी, इसलिए अभी से गोबर से खाद बनाने का कार्य किया जाए और वर्मी टांका में गोबर को डालकर खाद को तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि गौमूत्र की खरीदी के साथ ही जीवाश्म एवं ब्रम्हास्त्र का निर्माण कर उसे किसानों को उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया जाए और अधिक से अधिक पशुपालकों से गौमूत्र की खरीदी की जाए।

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