छत्तीसगढ़

मेण्ड्राकला एवं रेलवे स्टेशन में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

अम्बिकापुर, अगस्त 2022/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अमित जिन्दल के निर्देश पर पैरालीगल वालेंटियर श्री श्यामशंकर ठाकुर द्वारा मंगलवार को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिम जाति सेवा सहकारी समिति प्रागण, मेण्ड्राकला  एवं रेलवे स्टेशन परिसर में विधिक सेवा शिविर का आयोजन कर उपस्थित व्यक्तियों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के बारे में जानकारी दी गई।
बताया गया कि अधिनियम की धारा-3 के अनुसार अनुसूचित जाति या जनजाति के सदस्य को अन्याय या घृणाजनक पदार्थ पीने या खाने के लिए मजबूर करना या उनके प्रवेश द्वारा पर मल-मूत्र, मल, पशु-शव या कोई अन्य घृणाजनक पदार्थ इकट्ठा करना या उसे नग्न या अर्धनग्न करना या उस व्यक्ति के कपड़े उतारना, बलपूर्वक सिर का मुण्डन करना, मूंछे हटाना, या उसकी जमीन पर कब्जा करना या उसे बलात काम के लिए विवश करना या महिलाओं पर अत्याचार या उसके मतदान के अधिकार के प्रयोग में बाधा डालना या उसके विरूद्ध बिना आधार के शिकायत करना या उसे गाली गलौच करना आदि अपराध है। अधिनियम की धारा 14 की उपधारा 3 के अनुसार अभियोग पत्र पेश होने से 2 माह में विधारण पूरा करना होता है तथा अधिनियम की धारा 15 के अनुसार आरोपी को अग्रिम जमानत न मिलने का प्रावधान है तथा अधिनियम की धारा 12 के अनुसार आरोपी  यदि 18 वर्ष से अधिक आयु का है तो उसे दंड संहिता  1973 की धारा 300 और अपराधी परिवीक्षा अधिनियम का लाभ न मिलने का प्रावधान है तथा अधिनियम की धारा-5 में अपराध के साबित होने पर अभियुक्त के विरुद्ध उपधारणा का प्रावधान है कि वह पीडित की जाति जानता था। इसके अतिरिक्त धारा 16-क की उपधारा 3 के अनुसार पीड़ित को जमानत में सुनवाई का अधिकार भी होगा।

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