विश्व आदिवासी दिवस जिला स्तरीय कार्यक्रम में किया गया वनाधिकार प्रमाण पत्र का वितरण सुकमा, अगस्त 2022/ विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की जनता को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी। जिला स्तरीय कार्यक्रम में 198 व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता प्रमाण पत्र सहित ग्राम पंचायत गोरगुण्डा के ग्राम देवरपल्ली को 458.699 हेक्टेयर भूमि का सामुदायिक वन संसाधन मान्यता प्रमाण पत्र दिया गया। इसके साथ ही 67 शहरी क्षेत्र के वन अधिकार मान्यता प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। सुकमा शहरी क्षेत्र में वन अधिकार प्रमाण पत्र प्रदाय करने वाला संभाग का तीसरा जिला बन गया है।
सुकमा संयुक्त जिला कार्यालय के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष से जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हरीश कवासी, सुकमा नगरपालिका अध्यक्ष श्री जगन्नाथ साहू, कलेक्टर श्री हरिस.एस, वनमण्डलाधिकारी श्री जेएस रामचन्द्र, सीईओ जिला पंचायत श्री देवनारायण कश्यप, सहायक आयुक्त आदित जाति विकास विभाग श्री गणेश सोरी, सहायक प्रबंधक अंत्याव्सायी विभाग श्री कुलेश्वर सेवता, सहित अन्य अधिकारी गण एवं गणमान्य नागरिक श्री मनोज चौरसिया एवं रामेश्वर राठी जुड़े। उन्होंने प्रतिकात्मक रुप से सुकमा नगर पालिका क्षेत्र के बिरसा मुण्डा वार्ड क्रमांक 8 के 6 हितग्राहियों दिरदो नन्दा, वंजामी हुंगा, माडवी गंगा, माडवी देवा, मांड़ा पोडियामी और मड़कामी हड़मा को वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया।
अंत्याव्सायी सहकारी वित्त एवं विकास विभाग द्वारा हितग्राहियों को किया गया लाभान्वित
जिला अंत्याव्सायी सहकारी वित्त एवं विकास विभाग द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर ट्राली योजना के तहत ग्राम देवरपल्ली के हितग्राही पोडियाम हिड़मा और गुड्स कैरियर योजना के तहत ग्राम रामाराम के वेको भीमा को पिकअप की चाबी सौंपी गई। इसके साथ ही शहीद वीर नारायण स्वावलंबन योजना के अंतर्गत लघु व्यापार करने हेतु कुकानार के तुलसी राम, कोयाबेकुर के संतोष कुमार और पातरसुकमा के दीपक सोड़ी को 40-40 हजार का चेक प्रदान किया गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किया पूरे प्रदेश को संबोधित
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूरे आदिवासी समाज को इस विशेष दिन की बधाई दी और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों को दोहराया। उन्होंने कहा कि आदिवासी छत्तीसगढ़ प्रदेश का स्वाभिमान है जिनके सांस्कृतिक विकास के साथ साथ सामाजिक एवं आर्थिक विकास का सार्थक प्रयास किया जा रहा है, जिसका निश्चित रुप से परिणाम मिल रहें हैं। बरसों से वन भूमि पर काबिज पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्र के साथ ही वन संसाधन एवं सामुदायिक वन संसाधन पत्र प्रदान कर स्थाीनय संसाधनों मंे स्थानीय लोगों का अधिकार सुनिश्चित किया जा रहा है। मुख्य कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हुआ जिससे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलो को जोड़ा गया था।
