छत्तीसगढ़

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर लगाए गए बचाव हेतु टीका,लोगों को किया गया जागरूक

बलौदाबाजार, जुलाई 2022/ विश्व हेपेटाइटिस दिवस के उपलक्ष्य पर आज जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों को हेपेटाइटिस का टीका लगाया गया। इसके साथ ही हेपेटाइटिस से बचाव के लिये लोगों को जागरूक करने का भी प्रयास स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया। इस सम्बंध में जिला अस्पताल में कुल 29 लोगों को हेपेटाइटिस का टीका लगाया गया। जिला अस्पताल में जनवरी से लेकर अब तक 3808 लोगों की हेपेटाइटिस की जांच की गई जिसमें से 33 लोग पॉजिटिव पाए गए। गत वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 7648 जांच में 104 मरीजों का था। ऐसे ही भाटापारा, कसडोल, सिमगा, बिलाईगढ़ एवं पलारी मे भी टीकाकरण किया गया। पलारी में नगर पंचायत के सफाई कर्मियों ,पलारी अस्पताल के सभी स्टाफ जैसे ,नर्सिंग ,ड्रेसर्स, चतुर्थ श्रेणी को भी हेपेटाइटिस टीका लगाया। अस्पताल में हिपेटाइटिस बी, वी डी ऑर एल एवं एच आई वी की जांच की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया कि हेपेटाइटिस वायरस से होने वाला एक संक्रामक रोग है जो दूषित खान -पान जल या संक्रमित चीजों के संपर्क में आने से होता है। ए बी सी डी और ई इसके प्रकार हैं जिसमें से बी और सी ज्यादा खतरनाक है जिसके कारण लीवर में सूजन आ जाती है जो बाद में कैंसर और सिरोसिस का भी कारण हो सकता है। हेपेटाइटिस बी संक्रमित रक्त सुई-सिरिंज या फिर असुरक्षित शारीरिक संबंधों के माध्यम से चलता है जबकि हेपिटाइटिस सी शरीर पर टैटू गोदवाने संक्रमित सुई सिरिंज या दूषित रक्त का उपयोग करने से होता है। पेशाब का रंग अधिक पीला होना, अधिक थकान रहना ,पेट में दर्द रहना, मल का रंग सामान्य ना रहना ,भूख न लगना, उल्टियां होना आंखों और त्वचा का रंग असामान्य हो जाना यह कुछ हेपेटाइटिस के लक्षण होते हैं। हेपेटाइटिस से बचाव के लिए अस्पतालों में टीके लगाए जाते हैं इसके अतिरिक्त दूषित खान पान असुरक्षित शारीरिक संबंध संक्रमित सुई सिरिंज एवं दूषित रक्त का इस्तेमाल से बचकर भी हेपेटाइटिस से बचाव किया जा सकता है।

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