जगदलपुर, 08 जुलाई 2022/ बस्तर जिले का कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जैव-विविधता से परिपूर्ण क्षेत्र है जहां बरसों से विभिन्न जनजातियों के लोग भी निवासरत हैं। जैव-विविधता तथा मानव के सह अस्तित्व को जन-जीवन का अभिन्न अंग बनाने के प्रयास में आज कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक श्री धम्मशील गणवीर ने बादल अकादमी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से चर्चा की। बस्तर की संस्कृति को जैव-विविधता से जोड़कर उद्यान के आस-पास के गांवों में नुक्कड़-नाट के माध्यम से पेश करने की पहल पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए गांवों के कलाकारों को बादल की टीम के द्वारा स्क्रिप्ट तैयार कर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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