रायगढ़, जून 2022/ कलेक्टर श्री भीम सिंह ने सृजन सभाकक्ष में महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने विभाग द्वारा सुपोषण अभियान के साथ ही अन्य विभागीय योजनाओं के मासिक प्रगति की समीक्षा की।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि बच्चों में कुपोषण मुक्ति जीवन शैली से जुड़ी समस्या है। जिसके निदान के लिए पोषण आहार के साथ-साथ जीवन शैली में अहम बदलाव जरूरी है। ऐसे में कुपोषण की दर को न्यूनतम रखने के लिए नियमित मॉनिटरिंग किया जाना भी अत्यंत आवश्यक है, ताकि कुपोषण से मुक्त हुआ बच्चा एक स्वस्थ जीवन बिताये। इसके साथ ही गर्भवती व एनिमिक महिलाओं की भी खास देखरेख की जानी है। उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण को दूर व गर्भवती माताओं व एनिमिक महिलाओं के सेहत के लिए जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ से लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है। हितग्राहियों को इन प्रयासों का अधिकतम लाभ मिले यही हमारी कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कुपोषण मुक्ति के लिए जिले के सभी सेक्टरों में अच्छा काम हुआ है। घरघोड़ा तथा बरमकेला सेक्टर को अपने परिणाम बेहतर करने की जरूरत है। उन्होंने इन सेक्टर के सीडीपीओ व सुपरवाईजर को विशेष रूप से सुपोषण अभियान में कार्य करने के निर्देश दिए। इसके लिए जो बच्चे कुपोषित है, उनके घर-घर जाए उनके पालकों से मिलकर उनकी काउंसिलिंग करें एवं बच्चों के उचित खानपान के लिए निर्देशित करें। ताकि बच्चों के सेहत में तेजी से ग्रोथ हो सके।
इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने आंगनबाडिय़ों के संचालन पर भी चर्चा की। उन्होंने सभी रिकार्ड अपडेटेड रखने के निर्देश दिए। आंगनबाडिय़ों में रेडी टू ईट का भण्डारण व्यवस्थित तरीके से करने के लिए कहा। साथ ही सब्जियों तथा अण्डों की सप्लाई के लिए गौठानों से लिंकेज भी पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को गैस कनेक्शन दिए जायेंगे। जिससे पोषण आहार तैयार करने में समस्या न हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में रनिंग वाटर सप्लाई का कार्य अपूर्ण है उसे भी जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा। इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने सुपोषण अभियान के लिए किए गए कार्यों की सेक्टरवार समीक्षा की। उन्होंने कम प्रगति वाले 10 आंगनबाडिय़ों के सुपरवाईजर से कारणों की जानकारी ली। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों में पिछले माह के मुकाबले कुपोषण दर में कमी नहीं दिखी है वहां की विस्तृत जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर श्री सिंह ने विभागीय अधिकारियों को दिए।
इस दौरान महिला बाल विकास अधिकारी श्री टी.के.जाटवर, समस्त सीडीपीओ, सेक्टर सुपरवाईजर, कार्यकर्ता सहित विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
एनआरसी में सभी बेड भरे हो
कलेक्टर श्री सिंह ने सेक्टरवार मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत कुपोषित बच्चों एवं शिशुवती, एनीमिक किशोरी एवं महिलाओं की जानकारी ली। जिस पर विभागीय अधिकारी ने बताया कि नियमित गरम भोजन एवं रेडी टू ईट से प्रदाय किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने एनआरसी की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी एनआरसी में उपलब्ध सभी बेड में बच्चों की भर्ती होनी चाहिए, अन्यथा सुपरवाइजर पर कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर श्री सिह ने पूरक पोषक आहार के रख रखाव, रेडी टू ईट, सुपोषण अभियान का लाभ, रजिस्टर, साफ सफाई जैसे कार्यो के निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
हिमोग्लोबिन जांच के लिए लगायें स्वास्थ्य शिविर
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि गर्भवती माताओं की हिमोग्लोबिन की जांच की जाए। इसके लिए उन्होंने गांवों में विशेष शिविर लगाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए। उन्होंने कहा कि जिन गर्भवती माताओं का हिमोग्लोबिन 9 ग्राम से कम हो उनका विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। उनकी सेहत के देखभाल के साथ उन्हें पूरक एवं पौष्टिक आहार नियमित रूप से उपलब्ध कराना है। जिससे नवजात शिशुओं को कुपोषित होने से बचाया जा सके। उन्होंने गर्भवती माताओं को आंगनबाड़ी में गरम भोजन प्रदान करने के निर्देश दिए।
बाल संदर्भ शिविर के लिए स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध करवायेगा दवाईयां
कलेक्टर श्री भीम सिंह के निर्देश पर जिले में बाल संदर्भ शिविर लगाकर बच्चों के नियमित रूप से जांच की जा रही है। जिसके आधार पर बच्चों की जरूरत के हिसाब से दवायें व प्रोटीन कैल्शियम की खुराक भी दी जाती है। कलेक्टर श्री सिंह ने गत माह लगे बाल संदर्भ शिविर के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि शिविर में उपचार के लिए लाने वाले बच्चों के लिए आवश्यक सभी दवाईयों का इंतजाम करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए।