छत्तीसगढ़

घर में किचन गार्डन और वृक्ष लगाने से होगा हरित घर, हरित जिंदगी

राजनांदगांव , जून 2022। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम रीवागहन में पोषण वाटिका (किचन गार्डन) में बीज और फलदार पौधों का पौधारोपण किया गया। कार्यक्रम अंतर्गत पिरामल फाऊंडेशन द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्वसहायता समूहों की महिलाओं को घर से निकले वाले पानी का उपयोग कर किचन गार्डन बनाने के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही किचन गार्डन के फायदों के बारे में में भी बताया गया।
पर्यावरण संरक्षक के अभियान में स्वसहायता समूह की महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम अंतर्गत पिरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीडर श्री हेमन्त कुमार वर्मा ने महिलाओं को बताया कि किचन गार्डन को घर से निकलने वाले पानी का उपयोग कर बना सकते हंै। किचन गार्डन के विभिन्न फायदे हंै। हरी सब्जी को घर में ऊगा सकते हंै। किचन से और बाथरूम से निकले हुए पानी को किचन गार्डन से जोड़ कर पानी की बचत की जा सकती है। अधिक आयरन वाली सब्जी लगाएं, जिससे कुपोषित बच्चों के पोषक तत्व की सब्जी मिलेगी है। साथ ही वृहद मात्रा में सब्जी उत्पादन किया जाए तो बाजार में भी ब्रिकी कर आमदनी भी मिलेगी।
एनआरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक श्री पिनाकी देशारकर ने जिले में स्वसहायता समूह से बाड़ी और किचन गार्डन को को अधिक से अधिक लगाने की जानकारी दी। हिमांजलि सिरदार ने बताया कि गांव मे ं13 स्वसहायता समूह द्वारा बाड़ी के साथ किचन गार्डन को बढ़ावा दे रहें है। गांव की अन्य महिलाओं को भी इसका महत्व बता रही हैं। गांधी फेलों की निधि निरला ने कहा की किचन गार्डन में अधिक से अधिक हरी पत्तेदार और आयरन से भरपूर सब्जी उत्पादन कर तथा उसका उपयोग कर महिलाएं और किशोरियों को एनीमिया से बचाया जा सकता है। अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन और पिरामल फाउंडेशन ने सभी को अधिक से अधिक पेड़ और किचन गार्डन लगाने के साथ हरित घर, हरित जिंदगी का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में सीएलपी श्री दीपक सूर्यवंशी, वाईपी हिमांजलि, जननी समूह से कृषि सखी सुरेखा पटेल, जानकी पटेल, रामेश्वरी पटेल, रेणुका साहू तथा स्व सहायता समूह की महिलाओं ने पौधा रोपण कर मैं पर्यावरण सरंक्षक हूँ, अभियान में शामिल हुए।

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