छत्तीसगढ़

झापीपथरा नाला में नरवा के तहत बने विभिन्न संरचनाओं का प्रभारी सचिव ने किया मुआयना

धमतरी , मई 2022/ अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा जिले की प्रभारी सचिव श्रीमती रेणु जी पिल्ले ने आज वन विभाग द्वारा कैंपा मद से किए गए नरवा के कामों को देखा। मगरलोड ब्लॉक के सोनझरी पंचायत में झापीपथरा नाला में वर्ष 2019-20 में बहुत से काम नरवा के लिए गए। आज इसी कड़ी में प्रभारी सचिव ने जल संरक्षण, जल स्तर ऊंचा करने और मृदा संवर्द्धन के लिए किए गए कार्यों को कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा, वन मंडलाधिकारी श्री मयंक पांडे और मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत श्रीमती प्रियंका महोबिया के साथ दौरा कर करीब से देखा। नरवा विकास के पहले चरण में 2019-20 में लिए गए कंटूर ट्रेंचिंग, गेबियन संरचना, 30ः40 मॉडल का जंगल के अंदर किए गए कार्यों का मुआयना किया।
मौके पर मौजूद सोनझरी सरपंच श्री भुनेश्वर ठाकुर ने बताया कि छोटे-छोटे नाला बंधान के कार्यों से मुरुमडीह के 61 परिवारों को फायदा मिला है और उनकी पेयजल एवं निस्तारी की समस्या दूर हुई है। अब उनके तालाब और कुआेंं में जलस्तर ऊंचा हुआ। यहां तक कि जिस गांव में एकाध दशक पहले पेयजल की दिक्कत थी, वह भी दूर हुई है। इन सभी संरचनाओं के बनने से औसतन एक मीटर जलस्तर बढ़ गया है।

               दुगली वनधन केन्द्र में हो रहे वनोपज प्रसंस्करण से प्रभावित हुई प्रभारी सचिव-आज जिले के प्रवास के दौरान प्रभारी सचिव श्रीमती रेणु जी पिल्ले ने दुगली स्थित वनधन केन्द्र का भी निरीक्षण किया। इस केन्द्र में जागृति बालिका स्व सहायता समूह द्वारा अर्जुन चूर्ण की पैकिंग का कार्य किया जा रहा था। सदस्यों ने बताया कि 100 ग्राम चूर्ण की कीमत 50 रूपए है। यह चूर्ण हृदय विकारों में उपयोगी होता है। इस मौके पर वनमण्डलाधिकारी श्री पांडे ने बताया कि यहां नौ प्रकार के चूर्ण बनाने का आयुष, फुड एंड ड्रग लायसेंस मिला है। इससे यहां तुलसी, शतावरी, अश्वमेध, त्रिफला, हर्रा, बेहड़ा, आंवला इत्यादि का चूर्ण बनाया जाता है।

इसी तरह यहां शहद, एलोवेरा, माहूल पत्ता, केकती रेशा इत्यादि का प्रसंस्करण कर समूह को रहे लाभ की जानकारी प्रभारी सचिव ने ली। उन्होंने वनधन केन्द्र के जरिए प्रसंस्कृत किए जा रहे शहद को भी काफी सराहा। आने वाले समय में एलोवेरा का पौधरोपण का दायरा बढ़ाते हुए समूह के जरिए उसका अधिक से अधिक प्रसंस्करण पर भी जोर दिया। ज्ञात हो कि यहां एलोवेरा से जूस, बॉडीवॉश, जैल, शैम्पू तैयार किया जा रहा है।

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