अम्बिकापुर , मई 2022/ किसी भी देश या प्रदेश में महिलाओं के मान सम्मान ही सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है। नारी का सम्मान करने वाला समाज ही संस्कारी होता है। इसी उद्देश्य को लेकर राज्य सरकार प्रदेश के नारियों के हित में जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ राज्य के गठन को ऐतिहासिक घटना मानते हैं। वे कहते हैं हमारे पुरखों के मन में अपने राज्य की एक मुकम्मल तस्वीर थी। छत्तीसगढ़ सरकार अपने संसाधनों से प्रदेश के विकास में लगी हुई है। राज्य शासन बनने के बाद महत्वपूर्ण निर्णय लेकर योजनाओं के सफल क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान रख रही है। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ नरेन्द्र देव वर्मा के रचित गीत ’’अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार, इंद्रावती ह पखारय तोर पइंया। महूं पांव परंव तोर भुइंया, जय हो जय हो छत्तीगढ़ मइंया’’ इस गीत को प्रेरक मानकर छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के विकास में लगी है।
राज्य शासन ने प्रदेश की जनता के हित में कई नीतिगत इंतजाम किए हैं। प्रदेश की महिलाओं को अचल सम्पति का अधिकार मिले इसे ध्यान में रखकर अचल सम्पति के पंजीयन में महिला का नाम हो इस पर गंभीरता से विचार कर शासन ने कई प्रावधान किए हैं। सरकारी पदों में भर्ती के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा महिलाओं को दी गई है। महिला छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के पद का सृजन किया गया है। प्रदेश के 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित किए जा रहे हैं तथा महिला हेल्पलाइन नंबर 181 का संचालन किया जा रहा है। इस टोल फ्री नंबर पर फोन करके कोई भी महिला सहायता प्राप्त कर सकती है।