4 वर्ष से अलग रह रहे पति-पत्नी आयोग की समझाईश पर हुए साथ रहने को तैयार
शराब से दूरी रखने के शर्त पर पत्नी पति के साथ जाने हुई तैयार
महासमुंद 22 अप्रैल 2022/ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ अनिता रावटे की उपस्थिति में आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई। इस दौरान कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक श्री विवेक शुक्ला, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री समीर पांडेय उपस्थित थेे। डॉ. नायक ने बताया कि पिथौरा विकासखण्ड के किशनपुर हत्याकांड के मामले में आयोग द्वारा पूर्व में इस घटना की फॉरेंसिक जांच के लिए निर्देशित किया गया था। इस पर रिपोर्ट आ गई है। इस मामले को अब कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच करने के निर्देश प्राप्त हो चुके है।
आज सुनवाई के प्रकरण में एक अनावेदक ने बताया कि उनका प्रकरण 9 वर्ष पुराना है। इस दौरान दोनों पक्षों से जानकारी लेने पर बताया गया कि 3-4 वर्ष से प्रकरण विभिन्न न्यायालय में प्रक्रियाधीन है। इस पर आवेदिका ने बताया कि 2 वर्ष से प्रकरण राजस्व न्यायालय में लंबित हैं। आयोग के प्रावधान अनुसार इसकी सुनवाई अन्यत्र न्यायालय में लंबित होने के कारण इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में देवरानी ने अपने जेठ के विरुद्ध शिकायत की है। यह प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लंबित होने के कारण यह प्रकरण आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर हो गया। लेकिन परिवार में बिखराव की स्थिति न हो और परिवार में आपसी सामंजस्य बना रहे करके आयोग द्वारा दोनांे पक्षों को आपसी सुलह के लिए समझाईश दी गई। लेकिन अनावेदक द्वारा मामला न्यायालय में चलने देना चाह रहे है। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध करते हुए दोनों पक्षों को पुनः आयोग ने समझाईश दी कि दोनांे राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती अनिता रावटे से संपर्क कर उनके समक्ष आपसी समझौता कर सकते हैं।
एक अन्य मामलें में पति-पत्नी 4 वर्ष से अलग रह रहे थे और उनके दो बच्चे भी है। इस दौरान सखी सेंटर की काउन्सलर से उनका काउन्सिलिंग करवाया गया तथा दोनों पक्षों से लिखित में सहमति पत्र लिया गया। उनके परिवारजनों ने भी रिश्ते को संभालने के लिए समझाईश दी। उनके पति ने शराब व गुटका की बुरी आदतों से अब दूर रहने का भरोसा दिलाया। साथ ही बच्चों के भविष्य को देखते हुए पति-पत्नी को एक वर्ष की निगरानी के लिए निर्देशित किया गया।
एक दूसरे प्रकरण में आवेदिका के 2 बच्चों में बड़ा 16 वर्षीय पुत्र अनावेदक गण सास-ससुर के साथ रहता है। दोनों पक्षों को आयोग ने विस्तार से सुना गया। जिसमें निष्कर्ष निकला की आवेदिका के पति के नाम 6 एकड़ की भूमि थी। उसकी फौती में अनावेदक गण ने आपत्ति वापस लेंगें चुंकि आवेदिका के दोनों पुत्रों की वली में उनकी मां ही हो सकती हैं दादा नहीं तथा मकान पर ताला लगाने के मामले में आगामी दिनांक को स्थल निरीक्षण के दौरान निर्धारित किया जाएगा। जिसमें निरीक्षण के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी नवा बिहान महिला एवं बाल विकास विभाग तथा प्रधान आरक्षक थाना कोमाखान कोतवाली, महासमुन्द को नियुक्त किया गया है जो घर एवं तालो के मामले का विवाद का निपटारा करेंगी तथा साथ ही दोनों पक्षों द्वारा सहमति पत्र लिखित में लिया जाएगा। जिसे आयोग के समक्ष रखा जाएगा उसके पश्चात ही अयोग की सुनवाई में इस प्रकरण पर अंतिम निर्णय लिया जा सके।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने बागबाहरा तहसीलदार के समक्ष एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें किसी भी प्रकार के अतिक्रमण नहीं है। आवेदिका की ओर से एक दस्तावेज आयोग को प्रस्तुत किया गया हैं जिसमें इसी खसरा नम्बर की जमीन के लिए आवेदक ने सिविल कोर्ट महासमुन्द में दावा प्रस्तुत किया गया था। जिसे निरस्त कर दिया गया है। साथ ही कमिश्नर रायपुर के द्वारा भी प्रकरण निरस्त किया गया है। आज आयोग के समक्ष अनावेदक में यह स्वीकार किया है कि उनके पास ग्राम सुनसुनिया में कोई भी जमीन उनके नाम पर नहीं हैं और ना हीं कोई कब्जा हैं लेकिन प्रस्तुत दस्तावेजों के संबंध में जानकारी के लिए अपने अधिवक्ता से पूछ कर बताना व्यक्त किया हैं आगामी सुनवाई में अपने सभी दस्तावेजों के साथ लेकर आयोग ने उपस्थित होने कहा है तथा जमीन पर कब्जा हेतु तहसीलदार बागबाहरा को निर्देशित किया जाएगा। जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका पत्नी ने बताया की उसके पति ने दूसरी महिला से अवैध संबध रखा हुआ है। और उनके सन्तानों का भरण-पोषण कर रहे है। इस प्रकरण में 26 अप्रैल 2022 को आयोग के समक्ष दूसरी महिला जो की थाना तेन्दुकोना चौकी बुन्देली की निवासी है। अनावेदिका को आवश्यक रूप से उपस्थिति के लिए चौकी प्रभारी को निर्देशित किया गया है। आज जन सुनवाई में 32 प्रकरण रखे गए थे। जिसमें 15 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।