छत्तीसगढ़

प्ली बारगेनिंग से सजायाफ्ता आसानी से प्रकरण का करा सकते हैं निराकरण

अम्बिकापुर 4 अप्रैल 2022/ जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री आरबी घोरे के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के स्टेट प्लॉन ऑफ एक्शन माह अप्रैल 2022 के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री जनार्दन खरे के द्वारा विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
उक्त जागरूकता शिविर में उपस्थित केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर के सजायाफ्ता बंदियों को संबोधित करते हुए सचिव द्वारा प्ली बारगेनिंग के उद्देश्य प्ली बारगेनिंग के लिए आवेदन हेतु शर्ते, प्ली बारगेनिंग के लिए कोर्ट में प्रक्रिया क्या है? प्ली बारगेनिंग में कितनी सजा मिलती है, किन-किन अपराधों में प्ली बारगेनिंग का आवेदन किया जा सकता है, इत्यादि के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया की प्ली बारगेनिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत आरोपी अपने अपराध का स्वेच्छा से अपनी मर्जी से स्वीकार करता है। दोनों पक्षों के बीच होने वाला समझौता अदालत के देखरेख में होता है समझौते के बाद, न्यायाधीश के सामने आरोपी अपने गुनाह कुबुल करता है, आरोपी की सजा उस केस की न्यूनतम सजा से आधी या उससे भी कम कर दी जाती हैं, प्ली बारगेनिंग में दो से तीन तारीखों में ही दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के बाद केस का निराकरण कर दिया जाता है। प्ली बारगेनिंग की प्रक्रिया न्यायालय के आग्रह या फिर अपराधी के लिखित आवेदन पर ही होती है यह धारा 256 (ठ) ब्तण्च्ण्ब् के अंतर्गत होती है। उक्त शिविर में केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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