रायगढ़, मार्च 2022/ एक बच्चे की प्रथम पाठशाला उसका परिवार होता है और उसकी प्रथम शिक्षक उसकी माँ होती है। बच्चे को अपने परिवार से ही प्रारम्भिक बोलचाल, संस्कृति, सभ्यता, व्यवहार कुशलता व परिवेश की जानकारी धीरे-धीरे होता रहता है और इसमे मां का किरदार बहुत ही अहम होता है। समग्र शिक्षा द्वारा माताओं को स्कूल से जोडऩे के लिए अंगना में शिक्षा, शाला प्रबंध समिति की बैठक, बच्चों के गृहकार्य, शाला के विकास कार्यों आदि क्रियान्वयन स्कूलों के लिए किया जा रहा है, स्कूल के हमारे बच्चों की लाने एवं विकास में माताओं का सक्रिय भूमिका एवं सहयोग रहता है। हमारी कोशिश रहती है कि हमारा शाला परिवार उनके इस सहयोग के लिए कुछ बेहतर कर पाए। एक शाला का अस्तित्व तब है जब शाला में पढऩे के लिए बच्चे हों और बच्चे हमे तब मिलते हैं जब पालकों का विश्वास हम पर हो। हमे खुशी है कि इस विश्वास को कायम रख कर माताओं ने अपने बच्चों को हमारे शाला में भेजा व एक सजग पालक की भूमिका में रहकर शिक्षा गुणवत्ता को बरकरार रखा। प्राथमिक शाला बालमगोंडा दर्ज संख्या 52, 56 फिर आज 65 हो चुकी है। कहीं न कहीं इसमे माताओं का सफल सहयोग हमे मिला यह हमने प्रत्यक्ष अनुभव किया। शाला समिति एवं शिक्षकों ने कहा कि वे सौभाग्यशाली है, जो ऐसे माताओं का सम्मान करने का अवसर मिला हैं, जिसके लिए माताओं के सम्मान समारोह शाला परिसर प्राथमिक शाला बालमगोडा में आयोजित किया गया। जिसमे गांव की सभी माताओं ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को गौरान्वित किया। सभी माताओं को अपने अनुभव साझा कर शाला के उत्तरोत्तर प्रगति करने के लिए सहयोग मांगा, कार्यक्रम में सभी माताओं को सम्मानित किया गया।
माताओं के सम्मान कार्यक्रम के दौरान अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से आए बीनू मैडम ने महिलाओं को सशक्त रहकर काम करने व अपने दायित्वों का सही निर्वहन करने अपने अधिकारों को पूरा करने के लिए आजाद सोंच रखने की बात कही। श्री शेखर ने बच्चों की शिक्षा में भरपूर सहयोग करने का आग्रह करके सभी माताओं की अच्छी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया। वहीं शिक्षाविद, कवि, लेखक श्री धनी डोलनारायण पटेल ने अपनी कविता से माताओं को एक नया जुनून से कार्य करने को प्रेरित किया। संस्था के शिक्षक श्री संतोष कुमार पटेल ने माताओं को नयी शिक्षा नीति 2020 में उनकी सहभागिता के बारे में बताया व अंगना में शिक्षा, माताओं उन्मुखीकरण, 100 दिवसीय भाषाई एवं गणितीय पठन अभियान में सहयोग को सराहा। संकुल प्राचार्य श्री जीवराखन लाल नायक ने माताओं की सजगता और कर्तव्यनिष्ठा के लिए तहे दिल से माताओं को धन्यवाद दिया व भविष्य में शिक्षा की वर्तमान मांग को देखते हुए अपनी सक्रिय सहभागिता देने की अपील किया।


