इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा , छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन , कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह, सचिव कृषि डॉ एस. भारतीदासन, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गौठान और गोधन न्याय योजना की सफलता अब किसी से छुपी नहीं रह गई है।
मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि आज राज्य के 2800 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं ,जो राज्य में निर्मित एवं संचालित गौठनों की संख्या का एक तिहाई से भी अधिक है।
यह स्वावलंबी गौठान अब गोधन न्याय योजना के अंतर्गत स्वयं की राशि से गोबर खरीदी और गौठान की व्यवस्था स्वयं संभालने लगे हैं।
यह खुशी की बात है कि स्वावलंबी गौठान अब पशुपालक ग्रामीणों से गोबर खरीदी में स्वयं की पूंजी का निवेश करने लगे हैं।
स्वावलंबी गोठनों ने 12 करोड़ 60 लाख रुपये का गोबर, स्वयं की राशि से खरीदा है।
इसके लिए मुख्यमंत्री ने स्वावलंबी गोठान समिति के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों को बधाई दी।
गोधन न्याय योजना के तहत अब तक गोबर विक्रेताओं को 129.86करोड़ का भुगतान हो चुका है।
गोठनों में अब तक महिला समूहों द्वारा 15 लाख 29 हज़ार क्विंटल से अधिक कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया गया है।