रायगढ़ मार्च2022/ राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार शाला प्रबंधन समिति प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत विकासखंड रायगढ़ के प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के प्रधान पाठकों के चार दिवसीय प्रशिक्षण के तृतीय चरण का 5 मार्च को शासकीय माध्यमिक शाला ननसियां रायगढ़ में शुभारंभ हुआ। तृतीय चरण के प्रथम दिवसीय प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि के रूप में विकासखंड रायगढ़ के विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक श्री मनोज अग्रवाल की सहभागिता रही। शाला प्रबंधन समिति प्रशिक्षण कार्यक्रम के तृतीय चरण का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ, शासकीय प्राथमिक शाला जोरापाली के प्रधान पाठक श्री आशीष रंगारी की प्रस्तुति छत्तीसगढ़ के राजगीत अरपा पैरी के धार के साथ हुआ।
उक्त प्रशिक्षण में शासकीय प्राथमिक तथा माध्यमिक शाला के प्रधान पाठकों को प्रोत्साहित करते हुए मुख्य अतिथि श्री मनोज अग्रवाल ने कहा कि विद्यालय का चहुंमुखी विकास एसएमसी, अभिभावकों व प्रधान पाठकों के समन्वित प्रयास व सक्रियता से ही सम्भव है। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 21 के प्रावधान के अनुसार विद्यालयों में समुदाय की सहभागिता व स्वामित्व बढ़ाने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन किया जाता है। विद्यालय प्रबंधन समिति शिक्षकों एवं अभिभावकों का एक साझा मंच है। माता-पिता या अभिभावक सही रूप में अपने बच्चों को उचित साधन, सुविधाए एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करा सके इसके लिए आवश्यक है कि माता-पिता या अभिभावक विद्यालय प्रबंधन के निर्णय में सहभागी बने। विद्यालय विकास में अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी एवं विद्यालय का स्वामित्व समुदाय में निहित हो यही इस प्रशिक्षण की मूल भावना है। परिचर्चा में शामिल प्रधान पाठक श्री भुवन लाल पटेल ने कहा कि शाला प्रबंधन समिति की सक्रियता विद्यालय के विकास के लिए जरूरी है इसके लिए प्रधान पाठकों को शाला प्रबंधन समिति के साथ सतत संवाद और समन्वय बनाए रखना बेहद जरूरी है क्योंकि प्राथमिक माध्यमिक विद्यालयों के बेहतर प्रबंधन एवं शैक्षिक गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए शाला प्रबंधन समिति की सक्रियता तथा विद्यालय प्रबंधन में उनकी भूमिका व स्वामित्व बेहद महत्वपूर्ण है। शासकीय प्राथमिक शाला जोरापाली के प्रधान पाठक श्री आशीष रंगारी ने परिचर्चा के विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक संस्था के अपने आदर्श लक्ष्य और उद्देश्य होते हैं। और उसकी सफलता पूर्वक प्राप्ति के लिए उचित प्रबंधन की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है, जिससे एक संगठित प्रबंधात्मक व्यवस्था सुनिश्चित होती है। किसी प्रभावशाली प्रबंधन के द्वारा ही विद्यालय का प्रभावी व बहुमुखी विकास संभव हो पाता है। किंतु इसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है प्रधान पाठक की क्योंकि प्रधान पाठक विद्यालय का केन्द्र बिन्दु होता है और विद्यालय चहुंमुखी प्रगति मूलत: प्रधान पाठक की प्रबंधन क्षमता, योग्यता, विशेष प्रतिभा व नवाचारी सोच पर निर्भर करती है, वह अध्यापक और स्थानीय समुदाय के मध्य सेतु की तरह कार्य करता है और एक प्रशासक, वित्तीय प्रबंधक, लेखाकार, निरीक्षणकर्ता आदि की समन्वित भूमिका का निर्वहन करते हुए समय-समय पर अभिभावकों शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विद्यालय की नूतन योजनाओं के संबंध में विचार-विमर्श करते हुए छात्र-छात्राओं के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा साधन सुविधा हेतु वह एक सशक्त मेंटोर की भूमिका का निर्वहन करता है।
शासकीय प्राथमिक शाला कोसमनारा के प्रधान पाठक श्री घनश्याम सिंह पटेल ने कहा कि विद्यालय के चहुँमुखी विकास हेतु प्रधान पाठक एक कुशल संयोजक, नेतृत्वकर्ता, प्रभावशाली व्यक्तित्व होता है जो शाला प्रबंधन समिति, अभिभावकों व अध्यापकों के समन्वित प्रयासों से संस्था में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सुविधा व विद्यालय का चहुँमुखी विकास सुनिश्चित करता है। प्रधान पाठक शासकीय प्राथमिक शाला कोतरीडीपा कुसमरा श्री अमित दुबे ने कहा कि एक विद्यालय का समुचित समाज से संबंध होता है, विद्यालय एक सामाजिक संस्था होती है अत: आवश्यक हो जाता है कि शाला प्रबंधन समिति से सतत सामाजिक संपर्क स्थापित करते हुए क्रियाशील रहते हुए बच्चों के नामांकन, नियमित उपस्थिति, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अधोसंरचना कार्य हेतु अपनी महती भूमिका को समझते हुए विद्यालय के सर्वांगीण विकास हेतु सतत प्रयासरत रहे।
शाला प्रबंधन समिति के उक्त प्रशिक्षण सह परिचर्चा कार्यक्रम में विकासखंड रायगढ़ के धनागर, कुसमुरा, डोंगीतराई, गोरखा, कुलबा और बायंग संकुलों के प्रधान पाठक सम्मिलित थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर के रूप में श्री नेतराम सारथी, श्री शंकर प्रसाद साहू, श्री नेतराम राठिया, प्रधान पाठकों में श्री लक्ष्मीकांत पटेल, खगेश्वर प्रसाद साहू, नरेश नायक, चतुर्भुज पटेल, चेतन चौधरी, सूरज कश्यप, भूपेंद्र पटेल, दामोदर पटेल, रामकुमार पटेल, राधेश्याम पटेल, तेजकुमार पटेल, योगेंद्र कुमार पटेल, श्रीमती लक्ष्मी पटेल, श्रीमती ज्योति चौहान, कपिलदेव चौहान, जितेंद्र महंत, ताराचंद सिदार, ज्येरधा डनसेना, रामस्वरूप पटेल, श्रीमती जयश्री दीवान, सविता पटेल, भानुप्रताप बड़ा आदि उपस्थित रहे।