छत्तीसगढ़

विश्व दलहन दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कार्यक्रम में दलहन उत्पादन के इतिहास की दी गई जानकारी,

जांजगीर-चांपा 10 फरवरी 2022/ भारत के आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जबलपुर के निर्देशानुसार जांजगीर के एस.बी.आई. स्वरोजगार केंद्र में विश्व दलहन दिवस मनाया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजीव दीक्षित और प्रक्षेत्र प्रबंधक सस्य विज्ञान चंन्द्रशेखर खरे के मार्गनिर्देशन में बालिका प्रशिक्षणार्थियों को विश्व दलहन दिवस के शुभ अवसर पर दलहन उत्पादन के इतिहास की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में बताया गया कि अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस सन् 2016 में पहली बार मनाया गया और संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व दलहन दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। तब से विश्व दलहन दिवस प्रतिवर्ष 10 फरवरी को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य बालिकाओं, महिलाओं तथा नागरिकों को दलहन का हमारे दैनिक खान-पान, पोषण आहार में महत्ता के प्रति जागरूक करना है। फास्ट फूड और फ्रोजन फूड के कारण हमारे आहार में दालों का सेवन कम हो गया है। दाल की कमी से शरीर को पूरा पोषण नहीं मिलता है। इसका दुष्प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ता है। स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के लिए दाल महत्वपूर्ण है। शरीर को सक्रीय रखने के लिए दाल से प्रोटिन मिलता है।
कृषि विज्ञान केन्द्र में भारत सरकार द्वारा सीड हब योजना चलाई जा रही है। कृषि के क्षेत्र में उभरते भविष्य के साथ उन्हें कृषि शिक्षा, स्वरोजगार के विभिन्न कृषिगत प्रशिक्षणों जैसे मशरूम उत्पादन, जैविक खेती, समन्वित कृषि प्रणाली, मुर्गीपालन, बकरीपालन, गौपालन जैसे रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षणों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में आरसेटी के निदेशक श्री कंवर, श्री पाण्डे, वैज्ञानिक शशीकांत सूर्यवंशी और मनीष उपस्थित थे।

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