धमतरी / जनवरी 2022/ कुपोषण याने बच्चों के विकास में अवरुद्ध! इससे बच्चे के शारीरिक विकास के साथ ही मानसिक विकास में भी बाधा पहुंचती है। भावी पीढ़ी के स्वास्थ्य और सेहतमंदी को ध्यान में रख 10-10 बिस्तर का पोषण पुनर्वास केंद्र धमतरी ज़िला अस्पताल सहित सिविल अस्पताल कुरूद, मगरलोड और नगरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाया गया है। इसी के साथ वनांचल में बसे नगरी विकासखंड के दुगली में भी प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल ने अगस्त 2019 में पांच बिस्तरयुक्त लाइका जतन ठउर की शुरुवात वहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में की। इसके पीछे मंशा यह थी कि आदिवासी बाहुल्य इस क्षेत्र में आस-पास के ग्रामीण भी अपने कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य लाभ दे सकें। फलस्वरूप यहां अब तक 52 गंभीर कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य लाभ दिया जा चुका है। अच्छी बात यह है कि जो लोग दूरी की वजह से नगरी स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में अपने गंभीर कुपोषित बच्चों को भर्ती नहीं कर पाते थे, वे लाइका जतन ठउर अपने बच्चों को लेकर पहुंचते हैं। अब तक यहां मुनईकेरा, देवगांव, चनागांव, दिनकरपुर, कौवाबाहरा, पालगांव, सरईटोला सहित दुगली के गंभीर बच्चों को भर्ती कर पोषित करने का जतन किया गया।
फिलहाल इस ठउर में भर्ती तीन बच्चियों के वजन में बढ़ोत्तरी उचित देखभाल, काउंसिलिंग, हर दो घंटे में निर्धारित चार्ट के हिसाब से पोषणयुक्त डाइट मिलने से हुई है। यह तीनों बच्चियां पौने दो साल से ढाई साल के करीब हैं। ठउर में अपनी मौसी के साथ आई लगभग ढाई साल की शिवानी वट्टी का वजन 27 दिसंबर को भर्ती करने के दौरान साढ़े सात किलो था, जो अब बढ़कर आठ किलोग्राम हुआ है। इसी तरह दृष्टि नेताम का वजन 8.4 किलो से नौ किलो हो गया है। वहीं वेनुका मरकाम जो अपनी दादी के साथ केंद्र में आई हुई है, उसके वजन में 1.1 किलो का इजाफा हुआ। बच्ची का वजन 7.4 किलो से बढ़कर 8.5 किलो हुआ है। मार्च 2020 में जन्मी दृष्टि नेताम की माता श्रीमती मीनाक्षी बताती हैं कि यहां भर्ती होने पर हर दो घंटे में बच्ची को पौष्टिक भोजन परोसा जाता है। इसमें दूध, अंडा, खिचड़ी, दलिया, सब्जियां, फल आदि सम्मिलित है। इसे खिलाने से उनकी बिटिया का 600 किलो वजन तो बढ़ा ही, उन्हें भी समझ आया कि किस तरह से अपनी बच्ची का देखभाल और खान-पान का ध्यान रखना है, इसके लिए वे मुख्यमंत्री का साधुवाद भी करती हैं, जिन्होंने उनकी बच्ची जैसी कई मासूमों की सेहतमंदी के लिए यह ठउर बनवाया है। यहां बच्चों के साथ पहुंचे अभिभावक की काउंसिलिंग कर पोषणयुक्त भोजन बच्चों के डाइट में शामिल करने की समझाइश दी जाती है।
गौरतलब है कि इस जुलाई 2021 में महिला और बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित वजन त्योहार में ज़िले के बच्चों में कुपोषण का दर 13.31% है। इसके मद्देनजर आगामी 10 जनवरी से ऐसे केंद्र जहां कुपोषण का दर 13% से अधिक है, उन 364 केंद्रों में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का तीसरा चरण शुरू होने जा रहा है। इस दौरान छः माह से छः साल के बच्चों, गर्भवती माताओं सहित शिशुवती माताओं को गरम पका भोजन और प्रोटीनयुक्त अंडा अथवा सोयाबाड़ी दी जाएगी। इससे निश्चित ही बच्चों और गर्भवती तथा शिशुवती माताओं को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
