बिलासपुर / दिसम्बर 2021। जिले में पारम्परिक रूप से वृहद पैमाने मंे दलहन-तिलहन फसलें उतेरा के रूप में ली जाती थी, किन्तु खुली चराई आदि कारणों से विगत कुछ वर्षाें से उतेरा की फसल के क्षेत्र में कमी आई या कुछ क्षेत्रों में बंद कर दी गई। राज्य शासन द्वारा सुराजी गांव योजना के माध्यम से खुली चराई को रोक लगाने के उद्देश्य से गौठान स्थापित कर रोका-छेका कार्यक्रम चलाई जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप जिले में विशेष अभियान चलाकर वर्षा आधारित क्षेत्र में धान फसल की कटाई उपरान्त भूमि की अवशेष नमी के उपयोग हेतु जिले में 5970 हेक्टर में तिवरा, अलसी, सरसों, चना इत्यादि फसलों का उतेरा बोनी कराया गया है।
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