छत्तीसगढ़

महिला समूह द्वारा उत्पादित सामग्रियां बनी स्वदेशी का प्रतीक

कवर्धा, 18 अक्टूबर 2025/sns/- छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ”बिहान“ के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में ”बिहान स्वदेशी बाजार“ शहर के वीर सावरकर भवन में लगाया गया है। हर घर स्वदेशी घर-घर स्वदेशी का संदेश देते हुए स्थानीय स्तर पर उत्पादित विभिन्न आकर्षक सामग्रियों का स्टाल प्रदर्शनी सह विक्रय के लिए भी उपलब्ध है। वीर सावरकर भवन में लगे स्वदेशी बाजार का आज अंतिम व आखिरी दिन है। तीन दिवसीय बाजार में महिला समूह के सदस्यों द्वारा बनाए गए विभिन्न सामग्रियां ने शहर वासियों को बहुत आकर्षित किया है और यही कारण है की 2 दिनो में 30000 से अधिक के सामानों की बिक्री हो गई है। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन में संचालित 16 अक्टूबर से चल रहे स्वदेशी बाजार का समापन 18 अक्टूबर देर शाम को होगा। 

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अजय कुमार त्रिपाठी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बिहान अंतर्गत स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित स्वदेशी वस्तुओं जैसे मिट्टी की मुर्ति, दीया, बांस से बने सामाग्री, आचार, पापड़ बड़ी, पापड़, हल्दी, मिर्च, धनिया, मसाले, नमकीन, कुकीज्, ऑर्गेनिक गुड़, कोदो-कुटकी, ब्लैक राईस इत्यादि का प्रदर्शनी सह विक्रय का स्टाॅल लगा है। आगामी दिनों में दीपोत्सव को देखते हुए समूह द्वारा बनाए गए रंगारंग दिए मूर्तियां एवं खाद्य पदार्थों का गिफ्ट हैंपर लोगों को बहुत पसंद आ रहा है और महिला समूह द्वारा बनाए गए इन सभी वस्तुओं को बहुत ही कम दरों पर विक्रय किया जा रहा है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुफ्त उठाने के लिए गरमा-गरम चिला चौसेला साबूदाना का बड़ा वा अन्य खाद्य पदार्थ बहुत ही कम दर पर लोगों के लिए उपलब्ध है। उल्लेखनीय है कि स्वदेशी बाजार का प्रमुख उद्देश्य स्थानीय स्तर पर बनाये गय वस्तुओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर इसके उपयोग को बढ़ावा देना है।

कबीरधाम जिले में आयोजित स्वदेशी बाजार के प्रयास की भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने की तारीफ

भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी अपने LinkedIn, Twitter (X), Facebook और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर छत्तीसगढ़ के इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए पोस्ट साझा की है। मंत्रालय द्वारा कहा है कि “हर घर स्वदेशी, हर दीया आशा की लौ के संदेश के साथ छत्तीसगढ़ मना रहा है आत्मनिर्भर दीपावली।” इस अवसर पर कबीरधाम जिले की दीदियों ने अपने हाथों से बने दीप, आर्टिकल्स और स्वदेशी उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत किया।

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